सिंघानिया ग्रुप ने किया अलख नयन मंदिर में नए ऑपरेशन थियेटर का उद्घाटन
उदयपुर। जिस ट्रस्ट का नाम ही मंदिर हो, उसमें पूजा और सेवा-भावना के अतिरिक्त कुछ हो नहीं सकता। अलख नयन भी ऐसा ही मंदिर है जहां निस्वार्थ भाव से बिना भेदभाव मरीजों का उपचार किया जाता है।
ये विचार सिंघानिया ग्रुप के जे.के.सीमेन्ट के चेयरमेन भृर्तहरि सिंघानिया ने सोमवार को प्रतापनगर एक्सटेंशन स्थित अलख नयन मंदिर में व्यक्त किए। श्रीमती वीना सिंघानिया की स्मृति में वीना सिंघानिया चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से अलख नयन मंदिर में एक करोड़ रूपए की लागत से अत्याधुनिक मशीनों से लैस ऑपरेशन थियेटर के लिए 50 लाख रूपए का सहयोग दिया गया। सिंघानिया ने कहा कि काम के प्रति चूंडावत का समर्पण ही था कि उन्होंने निजी चिकित्सालय को मंदिर (ट्रस्ट) में परिवर्तित कर अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता को समर्पित कर दिया।
अलख नयन मंदिर की ट्रस्टी लक्ष्मी झाला ने भावुक होते हुए कहा कि स्व. डॉ. चूंडावत का यही मानना था कि मैं रहूं या नहीं लेकिन हॉस्पिटल में काम निरंतर रहना चाहिए। आज उन्हीं की इच्छा के फलस्वरूप यह कार्यक्रम रखा गया। उन्होंने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि महात्मा भूरी बाई के आशीर्वाद से वर्ष 1984 में स्व. चूंडावत द्वारा आरंभ अलख नयन चिकित्सालय वर्ष 1997 में अलख नयन मंदिर में परिवर्तित हुआ जिसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रतिमाह 22-23 शिविर आसपास के गांवों में लगाए जाते हैं जहां मरीजों की पहचान कर उन्हें यहां लाने के बाद पूर्ण उपचार किया जाता है। उन्होंने दोहे का उद्धरण करते हुए कहा कि देने वाला कोई और है लेने वाला कोई और, हम तो छोटे से माध्यम हैं उसकी जरूरत को पूरा करने के लिए। छह आई केयर सेंटर के माध्यम से भी मरीज यहां आते हैं।
आरंभ में डॉ. अरूण जकारिया ने कहा कि डॉ. चूंडावत ने क्षत्रिय समाज से उपर उठकर सम्पूर्ण मानवता के लिए काम किया। उन्होंने विजन की टर्म को रिडिफाइन किया और स्वयं को मानव सेवा में लगा दिया।
मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एलएस झाला ने अत्याधुनिक मशीनों के बारे में बताया कि बिना चीर-फाड़ के कम से कम समय में फेको पद्धति से यहां आंखों के ऑपरेशन किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन थियेटर में 50 लाख रूपए का सहयोग देने पर उन्होंने वीना सिंघानिया चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह में सिंघानिया ग्रुप के जेके टायर के चेयरमैन डॉ. रघुपति सिंघानिया, विनीता सिंघानिया, हर्षपति सिंघानिया, विक्रमपति सिंघानिया, अलख नयन मंदिर के ट्रस्टी, स्टाफ आदि भी मौजूद थे।