तेरापंथ धर्मसंघ का तीन दिवसीय मर्यादा महोत्सव
उदयपुर। सेवा केवल सुनने में नहीं बल्कि आचरण में होनी चाहिए। धर्मसंघ के चतुर्थ आचार्य ने कहा था कि जब तक स्वस्थ हों, संघ की सेवा करें। अस्वस्थता में संघ आपकी सेवा करेगा।
ये विचार रवीन्द्र मुनि ने बुधवार को अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में व्यक्त किए। वे श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से आयोजित मर्यादा महोत्सव के पहले दिन सेवा दिवस के रूप् में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुनि धर्मेश कुमार ने कहा कि राजस्थान में तेरापंथ धर्मसंघ के वृद्ध एवं अस्वस्थ साधु-साध्वियों के लिए 7 केन्द्र हैं लेकिन मेवाड़ में एक भी नहीं है जबकि उदयपुर सेवा केन्द्र के लिए बहुत उपयुक्त है। मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि सेवा निष्काम (निस्वार्थ) होनी चाहिए। मुनि विनोद कुमार ने कहा कि प्रत्येक साधु को अपने जीवन काल में कम से कम सेवा केन्द्र पर 3 बार चाकरी करनी होती है। परिवार में सेवा हो या नहीं लेकिन धर्मसंघ में जरूर होती है। यशवंत मुनि ने कहा कि वही संस्था प्रगति कर सकती है जहां सबकी परवाह की जाती है। मुनि दिनकर, मुनि शांतिप्रिय एवं सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने भी विचार व्यक्त किए। महोत्सव का दूसरा दिन अनुशासन दिवस के रूप् में मनाया जाएगा।