उदयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने तीसरी बार आम बजट प्रस्तु त किया। ऐसा पहली बार हुआ जब रेल बजट को भी आम बजट में शामिल कर पेश किया गया। बजट को जहां भाजपा ने हर वर्ग के लिए फायदे का बताया वहीं कांग्रेस ने नोटबंदी के बाद निराशाजनक बताया। प्रोफेशनल्स ने इसे संतुलित व विकासोन्मुसखी के साथ आर्थिक मंदी को गति प्रदान नहीं करने वाला बजट बताया है।
सीए निर्मल सिंघवी का मानना है कि वित्तमंत्री ने बजट में किसानों, युवाओं, स्वास्य्महि, ग्रामीण विकास, आधारभूत सरंचना हेतु अच्छे प्रावधान रखे हैं, परन्तु आर्थिक मंदी को गति देने हेतु द्रुतगामी एवं साहसिक कदम नहीं उठाये गये है जिससे भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर बनाने में अधिक समय लगेगा। राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखते हुए इसे आगामी वर्ष में तीन प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है जिससे मुद्रास्फीति एवं महंगाई से राहत मिलने के आसार है ।
बजट का सही असर एक जुलाई से गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू होने पर ही पता चलेगा क्योंकी सारे अप्रत्यक्ष करों की दर तभी पुनः निर्धारण होगी इसलिए इस बजट में अप्रत्यक्ष करों की दरे तीन महीने बाद फिर परिवर्तनशील रहेगी।
प्रत्यक्ष कर में आरंभिक कर छुट स्लैब 2.50 लाख से 5 लाख तक आयकर दर दस प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर दी गई है। कुछ राहत करदाताओ को मिलेगी परन्तु न्यूनतम आयकर छुट स्लैब 2.50 लाख से पाँच लाख रुपये वार्षिक होने की अपेक्षा थी जो बिलकुल नहीं बड़ाई गई है, वही 50 लाख से 1 करोड़ आय वाले व्यक्तिगत करदाताओ पर 10% सरचार्ज लगाकर जनता को थोडा निराश किया है। कुल मिलाकर यह बजट काले धन को समाप्त करने की और सरकार का एक और प्रयास है और साथ ही विमुद्रीकरण के कारण होने वाली परेशानी से उत्पन असंतोष को कम करने का प्रयास भर है ।
उदयपुर जिला पर्यटन सहकारी समिति के अध्यक्ष प्रमोद सामर ने बजट अन्त्योदय की परिकल्पना को साकार करता बजट बताया।
सीपीआई के राजेश सिंघवी ने कहा कि बजट आम जनता की उम्मीदों के विपरीत है।
कृषि प्रधान देश में गांव व खेत को उन्नत करने एवं गांव में रोजगार पैदा करने के बजट में कोई प्रावधान नहीं किये है जिससे आने वाले दिनों में शहरों में तेजी से आबादी का भारी दबाव बढेगा। प्रदेश कांग्रेस के सचिव पंकज कुमार शर्मा ने कहा कि इसमें आयकर में छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 3 लाख की गई है, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने यह सीमा 5 लाख तक बढ़ाने का वादा किया था।
भाजपा देहात जिलाध्यक्ष गुणवंत सिंह झाला, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रोशनलाल जैन, जिला उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा कि शेयर बाजार देश की अर्थ व्यवस्था का बेरोमीटर हं और आज मुंबई शेयर बाजार सेंसेक्स ने 485 अंको की छलांग लगा कर साफ साफ दर्शा दिया है कि वित मंत्री अरूण जेटली का यह बजट देश को सच्चे अर्थो में आगे लेजाने वाला और देश के नवनिर्माण का बजट है।
सीए आशीष कोठारी ने कहा कि केन्द्रीय वित मंत्री अरूण जेटली द्वारा आज लोकसभा में वर्ष 2017-18 के लिये पेश किये गये बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बहुत बड़ा फंड आवंटित किया है इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट डॉ. निर्मल कुणावत ने बताया कि बजट के द्वारा भारत देश को दुनिया की नजर में ब्राइट स्पोट बनाने का प्रयास किया गया है। विमुद्रीकरण के बावजूद बजट में विकास से कोई समझौता नहीं किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत वित्तीय बजट संतुलित एवं विकासोन्मुखी है। वित्त मंत्री ने बजट द्वारा डिजिटलाईजेशन, कृषि, नरेगा, ग्रामीण विकास, स्वच्छता, रक्षा एवं रोजगार पर विशेष ध्यान दिया हैप कैशलेस लेनदेन को बढावा देने के लिए आधार कार्ड के माध्यम से भुगतान की सुविधा की गई है।
नगर निगम पूर्व प्रतिपक्ष पार्षद दल के संयोजक केके शर्मा ने बताया कि बजट में सरकार द्वारा कोई ठोस योजना नहीं प्रस्तुत की है। जनता को ’’अच्छे दिनो’’ का इंतजार करते करते सब्र की सीमा समाप्त होती नजर आ रही है।
राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य मुरली मनोहर बंधु ने बजट को गांव, गरीब, किसान, युवा और कमजोर वर्ग के उत्थान का बजट बताते हुए कहा कि यह बजट गरीब, किसान, युवा और कमजोर वर्ग के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
चित्तौडगढ़ सांसद सीपी जोशी के अनुसार बजट में ग्रामीण, किसान, युवा, बुजुर्ग, महिलाओं का विषेष ध्यान रखा गया है। आयकर दरों में छूट से मध्यम वर्ग को बडी राहत दी गई है। देश के आधार भुत ढांचे के लिये विषेष प्रावधान भी किया गया है।
देहात कांग्रेस जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला, प्रवक्ता हेमन्त श्रीमाली ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रस्तुत लगातार तीसरा बजट पूर्णतः निराशाजनक है। इस बजट में नोटबंदी से परेशान आम जनता एवं व्यापारियों को कोई राहत नहीं देते हुए इनकम टेक्स स्लेब में ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख की राहत ऊंट के मुंह में जीरा है।