तिमाही वित्तीय परिणामों की घोषणा
पिछली तिमाही से 44 प्रतिशत अधिक खनित धातु का उत्पादन
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने शुक्रवार को मुम्बई में आयोजित निदेशक मण्डल की बैठक में 31 दिसम्बर 2016 को समाप्त तीसरी तिमाही व नौमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की। वित्तीय वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में खनित धातु का उत्पादन पिछली तिमाही की तुलना में 44 प्रतिषत अधिक हुआ है। तीसरी तिमाही में उत्पादन में वृद्धि, पिछली तिमाही की तुलना में, रामपुरा आगुचा ओपन कास्ट व भूमिगत खदान अयस्क का उत्पादन अधिक रहा है।
हिन्दुस्तान जिंक के चेयरमैन अग्निवेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में जस्ता धातु की कीमतों में 55 प्रतिषत की वृद्धि के साथ हिन्दुस्तन जिंक का अच्छा प्रदर्शन रहा है। निकट भविष्य में नयी जस्ता खदानों की स्थापना की संभावना नहीं है। वैश्विक दृष्टिकोण के अनुसार 2017 में भी जस्ता बाजार सकारात्मक रहने की संभावना है। उत्कृष्ट प्रबन्धन के परिणामस्वरूप तिमाही के दौरान रिकॉर्ड लाभ अर्जित हुआ हैं।
एकीकृत जस्ता धातु का 205,000 मैट्रीक टन उत्पादन हुआ जो इसी वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में 38 प्रतिषत अधिक है। एकीकृत बिक्री योग्य सीसा धातु का उत्पादन 39,000 मैट्रीक टन रहा जो पिछली तिमाही की तुलना में 26 प्रतिषत अधिक है। चांदी धातु का उत्पादन 118 मैट्रीक टन हुआ जो गतवर्ष की समान अवधि के तुलना में 10 प्रतिशत अधिक दर्षाता है। वित्तीय वर्ष 2017 की नौःमाही में एकीकृत जस्ता धातु उत्पादन में गत वर्ष की तुलना में सुधार कंपनी के प्रचालनों के सुचाररूप से संचालन के फलस्वरूप रहा है।
वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी ने 2,320 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है जो पिछली तिमाही की तुलना में 22 प्रतिशत एवं गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने 5,348 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जो पिछली तिमाही की तुलना में 40 प्रतिशत तथा गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक है।
हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कोर्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि रामपुरा आगूचा खदान में शाफ्ट सिंकिंग का कार्य पूर्ण हो गया है तथा कायड़ खदान व सिन्देसर खुर्द के विस्तार का काम भी सुचारू रूप से चल रहा है। सिन्देसर खुर्द खदान में शाफ्ट कॉलर एवं हेड गियर स्थापना का कार्य चौथी तिमाही में पूर्ण हो जाने की संभावना है। जावर मिल विस्तार के लिए जनवरी 2017 में पर्यावरण स्वीकृति मिली है जिसका संचालन वित्तीय वर्ष 2018 की पहली तिमाही तक हो जाने की संभावना है।
हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए हिन्दुस्तान जिंक ने देबारी तथा दरीबा में 16 मेगावाट का कैप्टिव ऊर्जा प्लांट लगाया है। अपने हरित प्रयासों के लिए हाल ही में सीआईआई तथा आईजीबीसी ने हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यालय यशद भवन को ‘प्लेटीनम रेटिंग’ से सम्मानित किया है। हिन्दुस्तान जिंक भारत की चौदवीं प्लेटीनम बिल्डिंग है तथा राजस्थान की पहली प्लेटीनम रेटिड बिल्डिंग है।