उदयपुर। कॉमर्स कालेज की एचआरडी प्रोफेसर राजेश्वरी नरेन्द्रन ने कहा कि आम व्यक्ति अपनी आलोचना करने वाले व्यक्ति से नाराज हो कर अशांत हो जाता है लेकिन यदि वह अपनी आलोचनाओं को स्वीकार कर आगे बढ़ता है तो निश्चित रूप से आगे के लिए उसकी सफलता के रास्ते खुलते हैं।
वे रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित विश्व शांति व विवादों का समाधान विषयक वार्ता में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि हमें जीवन में लोग क्या कहेंगे, इसकी परवाह छोड़ कर निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिये क्योंकि लोग क्या कहेंगे वाली बात स्वयं के जीवन में प्रगति की राह में बाधक बनाती है। जीवन में शांति की शुरूआत स्वयं से करनी चाहिये तभी हम विश्व शांति की बात सोच सकते है। यदि घर में ही अशांति है तो हम दूसरों को शांति का क्या संदेश देंगे।
नरेन्द्रन ने कहा कि खुशी जीवन की सबसे बड़ी सफलता है। इसे हर पल प्राप्त करने के लिए निरन्तर प्रयासरत रहना चाहिये। शांति के लिए आन्तरिक शांति का होना बहुत आवश्यक है। जहां अहं आ जाता है वहां अंशाति हो जाती है। मन को शांत करने के लिए व्यायाम का सहारा लेना चाहिये। उन्होंने कहा कि जीवन में किसी के साथ मतभेद हो सकते है लेकिन मनभेद नहीं रखना चाहिये क्योंकि मनभेद होने से अंशाति होती है। मनभेद प्रगति की राह में सबसे बड़ा बाधक होता है।
21 वर्ष पूर्व गांवो बालिका बचाओं कार्यक्रम की शुरूआत करे वाली नरेन्द्रन ने कहा कि उनके जीवन में घटी एक घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी और उन्होंने गांवों में जा कर बालिकाओं के बचानें की बात कहनें लगी। शुरूआत में उन्हें इसका काफी विरोध झेलना पड़ा लेकिन उनके प्रयासों से बचायी एक बालिका ने हाल में अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी की है।
लंदन के रोटरी डिस्ट्रिक्ट 1290 के रोटरी क्लब फालमोथ से आये रोटेरियन क्रिस्टोफर ने कहा कि लंदन में उद्योग एवं कृषि की विपुल संभावनाएं हैं और इन पर काफी कार्य किया जा रहा है। इस रोटरी डिस्ट्रिक्ट ने लंदन में आने वाले भूकम्पों में पीड़ितो की सहायतार्थ रोटरी शेल्टर बॉक्स की शुरूआत की। जिसमें टेन्ट व अन्य सामान होता है जो पीड़ित को राहत पंहुचाता है। प्रारम्भ में क्लब अध्यक्ष मानिक नाहर ने भी विचार व्यकक्ता किए। सचिव अनिल छाजेड़ ने आगामी पखवाड़े में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। पदम दुगड़ ने श्रीमती राजेश्वरी नरेन्द्रन का परिचय दिया। सुषमा तलेसरा ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया। शुरूआत में प्रभा डूंगरवाल ने ईश वंदना प्रस्तुत की।