उदयपुर। आलोक संस्थान के स्वर्ण जयंति समारोह के कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज श्रीराम स्टेडियम सेक्टर-11 में भारतीय संस्कृति, संस्कारों पर आधारित भारतीयम् की एक अनोखी संगतीमय प्रस्तुति संस्कृति महानाद कार्यक्रम हुआ।
संस्कृति महानाद कार्यक्रम में प्रकृति प्रेम, संस्कृति के तत्वों के साथ पंचतंत्र, लोक संगीत के साथ-साथ परम्परा, आध्यात्म को आलोक संस्थान के 1500 छात्र-छात्राओं द्वारा विषेश प्रस्तुति से दिखाया गया। अपनी तरह का यह विषेश प्रयोग था जिसमें संस्कृति के मूल तत्वों को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया। हिरण मगरी के कक्षा 11 वीं के छात्र-छात्राओं द्वारा ईष वन्दना की गई। जंगल बचाओं का संदेश देते हुये गीत की प्रस्तुति किड्स प्लेनेट के बच्चों द्वार दी गई। मातृ पितृ वन्दन फतहपुरा के विद्यार्थियों द्वारा सुन्दर प्रस्तुति दी गयी। तांडव की सुन्दर प्रस्तुति कक्षा नवीं एवं दसवीं के हिरण मगरी छात्रों द्वारा दी गयी। रास एवं राम स्तुति छात्र-छात्राओं ने दी।
स्वागत उद्बोधन में निदेशक डॉ. कुमावत ने कहा कि उदयपुर में आलोक संस्थान की सभी षाखाओं ने मिलकर समाज एवं विद्यार्थियांे को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने एवं उससे जुड़े रखने के लिये संस्कृति पर गर्व करने के लिये एक महत्वपूर्ण एवं भव्य आयोजन जिसकी पिछले कई महिनों से तैयारियाँ चल रही थी उसका प्रदर्षन आज आलोक के 1500 छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया। गैर फिल्मी गीतों की प्रस्तुति इतनी सुन्दर थी कि युवा भी आकर्षित हो सकता है। मुख्य अतिथि संस्थापक श्यातमलाल कुमावत ने कहा कि आलोक संस्थान अपनी स्थापना से 50 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। छात्र-छात्राओं ने संस्कृति नाद द्वारा उदयपुर के नागरिकों और समाज को एक अद्भूत भेंट इस कार्यक्रम के माध्यम से दी। अध्यक्षता निदेशक डॉ. प्रदीप कुमावत ने की। विशिष्टक अतिथि हस्तीमल जैन (अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, राष्ट्रीनय स्वयंसेवक संघ) थे।