उदयपुर टेल्स अंतर्राष्ट्रीय कहानी महोत्सव-2017
उदयपुर। मा माई एंकर फाउंडेशन द्वारा ब्रिक्स चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज एवं राजस्थान पर्यटन विभाग की सहभागिता से गुलाबबाग एवं अम्बामाता स्थित होटल ट्रिब्यूट में उदयपुर टेल्स त्रिदिवसीय अर्न्तराष्ट्रीय कहानी महोत्सव का शुभारम्भ शुक्रवार से हुआ। मुख्य अतिथि कलक्टर रोहित कुमार गुप्ता तथा विशिष्टी अतिथि फांडेशन की संस्थापक सुष्मिता शेखर थी।
शुभारम्भ अवसर पर कलक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में व्हाटसएप, फेसबुक और इन्टरनेट के युग में जो हमारी पारम्परिक कहानियां है वह लुप्त होती जा रही है। वो कहानियां जो जीवन मंें प्रेरणा देती है और जीवन को ही प्रेरणादायी बनाती है वह इस युग में सुनने को नहीं मिलती है। पौराणिक कहानियां हमेशा से ही शिक्षाप्रद रही है और हर पीढ़ी को उनसे प्रेरणा मिली और वह आगे बढ़ी है। आप और हम भी किसी न किसी कहानी का ही हिस्सा हैं और आने वाले समय में हम भी एक कहानी हो जाएंगे। जीवन में कहानियों का खूब महत्व है। इस फेस्टिवल के माध्यम से पर्यटन नगरी उदयपुर कहानियों में भी अपनी अच्छी पहचान बना सकेगी।
संस्थापक सुष्मिता शेखर ने कहा कि उदयपुर में जो ऐसी- ऐसी कहानियां है जिनकी कल्पना देश ही नहीं विदेशों में भी कोई नहीं कर सकता। महाराणा प्रताप के शौर्य- त्याग तपस्या और बलिदान की ऐतिहासिक कहानियां, महाराणा प्रताप के घोड़े के अपने मालिक प्रताप के साथ वफादारी की कहानियांऐसी हैं जो हर पीढ़ी के लिए हमेशा प्रेरणादायी रही है और रहेंगी। आज के युग में दादा-दादी, नाना-नानी की शिक्षाप्रद कहानियां कहने की न तो किसी को कहने की फुर्सत हैऔर न ही किसी को सुनने की फुर्सत है। ऐसे में एक ही मंच पर देश- विदेश के ऐसे महान कहानीकार का मौजूद होना और कहानियां सुनाना वास्तव में उदयपुरवासियों के लिए एक अजूबा होगा और सुनने वालों के लिए जरूर प्रेरणादायी रहेगा। समारोह के पहले दिन अद्भुत कहानीकारों यथा शांतनु गुहा रे, गौतम मुखर्जी, वरूण नारायन, नदजेदा के साथ फौजिया दास्तानगोहाओ ने दर्शक को अपनी कहानियों में कल्पना, जासूसी, ऐतिहासिकता व वास्तविक जीवन को विविध शैलियों के माध्यम से प्रस्तुत कर भाव विभोर कर डाला।
कहानी सत्र की शुरूआत स्कूली विद्यार्थियों के साथ वरूण नारायन के संवाद से हुई। सत्र के दौरान रशियन दल द्वारा नृत्य, गायन, पारम्परिक लोकवाद्य यंत्रों से बच्चों का मनोरजंन किया। इसी के साथ वरूण ने कठपुतली प्रदर्शन से कल्पना व यथार्थ के बीच सामंजस्य स्थापित किया। सांयकालीन सत्र में गौतम मुखर्जी ने दर्शकों को पद्मावती की ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण एवम् रोचक यात्रा पर ले जाकर रोमांचक मोड पर अनुत्तरित प्रश्नों के साथ छोड़ दिया। विलक्षण प्रतिभा के धनी मुखर्जी ने वेदान्त, पाश्चात्य दर्शन व आधुनिक विज्ञान को विश्लेषित कर वर्तमान परिवेश में के सांचे में कुशलतापूर्वक ढालने की महारत हासिल की है।
कहानीकार फौजिया नारी होने के साथ साथ उसकी पीडा के प्रस्तुतीकरण की जानी मानी हस्ताक्षर है। उन्होंने अपने कथानक में सुखान्त दुखान्त, यर्थाथ को हास्य के साथ प्रस्तुत कर उपस्थित सुधी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर डाला। उनकी यह प्रस्तुति दास्तानगोई पर आधारित थी। पुरस्कृत पत्रकार कहानीकार शांतुन गुहारे ने इस्मत चुगताई से कुछ अंशों की प्रस्तुति कर दर्शकों को एकाग्रचित होकर देखने, सुनने के लिए मजबुर कर दिया । उनकी प्रस्तुतियों जीवन्त यर्थाथवादी शहरी, जासूसी, एवम् काल्पनिकता का सम्मिश्रण है।
महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को भारत सहित एशिया के देशों का सांस्कृतिक एकीकरण को दिग्दर्शित किया जाएगा। इसमें रोमांचक, रोचक यात्रा संस्मरण व कपोत कल्पित कहनियां बच्चों के लिए प्रस्तुत होंगी जिसमें लोककथायें भी शामिल होगी। इनमें कुछ प्रस्तुतियां विलास जानवे, दुर्गा बाई, सुभाष व्याम तथा सीमा चक्रवर्ती व अजय सिंह की होगी जो थियेटर के जाने माने कलाकार है।
उदयपुर टैल्स एक ऐसा मंच है जो भारतीय या अंतर्राष्ट्रीय कथाकारों द्वारा पाठ्य सामग्री प्रस्तुत कर मनोरंजन करने, ज्ञानवर्धक हेतु प्रोत्साहित करने का माध्यम बन चुका है। इसके अतिरिक्त हमें विश्वास है कि जो इवेंट्स कार्यशालाएं मंथन हेतु होगी वे सुधी पाठकों में कहानी लेखन की कला को बढाने के लिए अपनी उपादेयता सिद्ध करेगी तथा उन्हे गुदगदाएगी।