श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के वरिष्ठ संतों का मंगल विहार
उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के वरिष्ठ संत मुनि रवीन्द्र कुमार ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि संत तो रोशनी बांटते हैं लेकिन संत रोशनी नहीं बांटते बल्कि रोशनी तो प्रत्येक व्यक्ति में होती है। उस पर छाया हुआ भीतरी आवरण हटाने का प्रयत्न संत करते हैं। संत तो सिर्फ निमित्त बन जाते हैं। धर्मेश मुनि अब उपचार के बाद स्वस्थ हुए हैं और विहार कर रहे हैं। उनके प्रति मंगल कामनाएं।
वे श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से रविवार को मुनि धर्मेश कुमार, सहवर्ती संत डॉ. मुनि विनोद कुमार, यशवंत मुनि के मंगल विहार के अवसर पर आयोजित मंगल भावना समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संतों के आने और जाने पर न तो हर्ष और न ही दुख व्यक्त करना चाहिए क्योंकि संतों का आना-जाना तो क्या, संत जहां रहते हैं, वहां मंगल ही मंगल हैं।
मुनि धर्मेश कुमार ने कहा कि आत्मा तो शाश्वत, नित्य और स्थायी है। परिवर्तन का क्रम तो चलता रहता है। इसे स्थायी मानें या आसक्ति हो जाए तो कष्ट होता है। जन्म को भी अस्थायी मान लेंगे तो कष्ट से मुक्ति मिल जाएगी। आवश्यक कार्यों पर ध्यान देंगे तो ही दूसरों को शांति दे सकते हैं। आठ माह के प्रवास में न सिर्फ सहवर्ती संतों बल्कि समाजजनों का भी भरपूर सहयोग मिला।
मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि सम्यक दृष्टि रखें तो व्यक्ति का बेड़ापार हो सकता है। घर, परिवार छोड़कर साधना में लीन हो जाता है। दुनिया बहुर्मुखी है तो हमें अंतर्मुखी बनना है।
डॉ. मुनि विनोद कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से धर्मेश मुनि को उदयपुर चातुर्मास मिला था। उदयपुर चातुर्मास मुनि श्री की दृष्टि से सफल रहा। जिस उद्देश्य से आगमन हुआ था, वह सफल हुआ। व्यक्तिगत साधना, स्वाध्याय की दृष्टि से भी काफी सफल रहा। मुनि शांतिप्रिय ने भी विचार व्यक्त किए।
इससे पूर्व सभा के उपाध्यक्ष सुबोध दुग्गड़ ने कहा कि मुनि धर्मेश कुमार का महाप्रज्ञ विहार में दूसरा चातुर्मास मिला। उनकी आध्यात्मिक भक्ति हुई। साधना में लीन रहे और स्वास्थ्य लाभ किया। हर्ष है कि वे स्वस्थ होकर जा रहे हैं। समग्र समाज की ओर से कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए खमतखामणा कि यदि कोई त्रुटि रह गई हो तो क्षमा करें।
तेरापंथ युवक परिषद के महामंत्री राजकुमार कच्छारा ने कहा कि परिषद को मुनि धर्मेश कुमार का सान्निध्य मिला। संतों के मार्गदर्शन के बिना कोई कार्यक्रम सफल नहीं हो पाता। परिषद ने मार्ग सेवा प्रदान करने में कोई कोताही नहीं बरती है फिर भी यदि कोई कमी रह गई हो तो युवा नेतृत्व के चलते उनकी जिम्मेदारी है और उस नाते वे क्षमाप्रार्थी हैं।
महिला मंडल मंत्री लक्ष्मी कोठारी ने कहा कि महिला मंडल को मुनि श्री का पूर्ण सान्निध्य मिला। जब भी उनसे सान्निध्य मांगा, सहर्ष उन्होंने प्रदान किया।
तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के निर्मल धाकड़ ने कहा कि सफल चातुर्मास के बाद मुनि श्री गोगुंदा की ओर विहार कर रहे हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन मुनि अतुल कुमार ने किया। आभार सभा मंत्री राजेन्द्र कुमार बाबेल ने व्यक्त किया। आरंभ में नमस्कार महामंत्र का उच्चारण रवीन्द्र मुनि ने किया।