पुलिस विभाग की आमजन में फैली भ्रांतिया
उदयपुर। राजस्थान पुलिस में अन्य राज्यों की तुलना में यहां राजनीतिक हस्तक्षेप बहुत ही कम है। आज के तकनीकी युग में आम व्यक्ति को पुलिस से डरने की आवश्यकता नहीं है। अगर किसी व्यक्ति को थाने में जाने से डर लगता है तो वह अपने घर बैठे ईमेल के द्वारा एफआईआर दर्ज करा सकता है।
ये विचार रविवार को प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक कालुराम रावत ने जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, एमडीएस विवि, यूजीसी एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में प्रतापनगर स्थित कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के सभागार में आयोजित व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में व्ययक्त किए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में कार्य करने वाले व्यक्ति की चौबीसो घंटे सर्विस होती है। उन्होंने कहा कि इस विभाग का न तो कोई उत्सव होता है, न ही कोई त्यौहार। उनका तो सिर्फ एक ही मकसद है आमजन की सुरक्षा करना, ऐसी स्थिति में आम जन को भी पुलिस का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशों में आम नागरिक जब भी अपने घर से निकलते हैं तो अपने साथ टॉफी, मिठाई या अन्य सामान लेकर निकलते हैं और उस सामान को जहां भी कोई पुलिस कर्मी दिखते है, उन्हें देते हुए उनका शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने प्राध्यापकों का आव्हान किया कि वे छात्र-छात्राओं में पुलिस के प्रति फेली भ्रांतियों को दूर करें एवं पुलिस थानों का उन्हे निरीक्षण करा उनके द्वारा की जाने वाली कार्य प्रणाली से अवगत कराये। प्रारंभ में समन्वयक प्रो. प्रदीप पंजाबी ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ. धीरज प्रकाश जोशी ने किया जबकि धन्यवाद सहसमन्वयक डॉ. युवराज सिंह राठोड ने ज्ञापित किया। समारोह में डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. पारस जैन, डॉ. सुनील चौधरी, डॉ. दिलिप सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।