इको फ्रेन्डली अगरबत्ती का निर्माण, डिटर्जेंट पाउडर एवं केक भी उतारा
उदयपुर। पिछले 70 वर्षों से उदयपुर ही नहीं देश के विभिन्न राज्यों में अर्चना अगरबत्ती के रूप में अपनी पहिचान बनाने वाली यह कम्पनी अब अर्चना ग्रुप में बदल कर आमजन से जुड़े हुए नये उत्पाद बाजार में लाकर उनके घरों में अपनी जड़े जमा दी है।
कंपनी के चेयरमेन राजेन्द्र पालीवाल ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अगरबत्ती को सिर्फ मंदिर में चढ़ाई जाने वाली अगरबत्ती के बजाय हमने अगरबत्ती को गार्डन इन्सेंस के रूप में बदल दिया जो अब रूम फ्रेशनर के रूप में काम आने लगी है। 8 इंच से लगाकर 9, 10, 12, 16, 24, 27 और 41 इंच लम्बी तक अगरबत्ती बनाई जाती है। न सिर्फ शाही शादियों बल्कि बड़ी-बड़ी होटलों तक में बड़ी अगरबत्ती उपयोग में लाई जाने लगी है। हम एक रूपयें के पैकेट से लेकर 500 रूपयें पैकेट तक की अगरबत्ती बना रहे हैं।
करीब 70 वर्ष पूर्व मात्र दो व्यक्तियों के सहयोग से स्थापित नवभारत इंडस्ट्रीज के बैनर तले बिकने एवं दो परिवारों का पालन पोषण करने वाली अर्चना अगरबत्ती कम्पनी परोक्ष-प्रत्यक्ष रूप से अब सात सौ से अधिक परिवारों का पालन-पोषण करने वाले अर्चना ग्रुप में बदल गई है। इस ग्रुप को नयी उंचाईयंा प्रदान करने में कंपनी के युवा निदेशक सौरभ पालीवाल की मेहनत और दूरदर्शी विजन के कारण संभव हो पाया है।
उन्होंने बताया कि अब ग्रुप के बैनर तले अगरबत्ती के अतिरिक्त डिटर्जेंट पाउडर, डिटर्जेंट केक तथा चाय का व्यापार भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पिता रूपशंकर पालीवाल ने 1947 में दो व्यक्तियों के साथ अगरबत्ती का काम शुरू किया। रिटेलिंग का काम बढ़ाते हुए तीन मंजिला दो आउटलेट अस्थल मंदिर के सामने तथा धानमंडी में स्थापित किए। ग्लास फैक्ट्री में अगरबत्ती के साथ डिटर्जेंट पाउडर तथा डिटर्जेंट केक का काम होता है। अगरबत्ती एवं चाय की एक-एक यूनिट डबोक में है।
राजस्थान में अगरबत्ती के क्षेत्र में नम्बर वन होने का दावा करते हुए निदेशक सौरभ पालीवाल ने बताया कि ने कहा कि ऑल ओवर इंडिया अगरबत्ती सप्लाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि हम इको फ्रेण्डली अगरबत्ती भी बना रहे हैं जिसमें गोबर की खाद, हर्बल सामग्री, कर्पूर, मिंट, केसर आदि का उपयोग किया जाता है। क्वालिटी और ग्राहक की संतुष्टि हमारा पहले भी मुख्य ध्येय था और अब भी है। हमने निम्न वर्ग से लेकर उच्च वर्ग तक के उपयोग में आने वाले उत्पाद बनाए हैं ताकि हर व्यक्ति से हम जुड़ सकें और प्रत्येक व्यक्ति हमसे जुड़ सके।
वर्ष 1999 में मेरे दादाजी के देहावसान के बाद बड़े पापा सुरेश पालीवाल और पापा राजेन्द्र पालीवाल ने काम को बखूबी संभाला और आगे बढ़ाया लेकिन बड़े पापा सुरेश पालीवाल के वर्ष 2003 में पैरालिसिस का अटैक होने के बाद उन्हें विदेश में पढ़ाई जाने का सपना छोड़ना पड़ा और अगरबत्ती के काम में सहयोग किया।
ग्रुप के निदेशक लोकेन्द्र पालीवाल ने बताया कि अगरबत्ती के व्यवसाय में धाक जमाने के बाद अब ग्रुप ने डिटर्जेंट पाउडर और केक के क्षेत्र में भी कदम रखा है। अर्चना एक्टिव वाशिंग पाउडर के नाम से उक्त वाशिंग पाउडर एक वर्ष पूर्व लांच किया था जो सफलतापूर्वक बाजार में बिक रहा है। अगरबत्ती की तरह हमने इसमें भी क्वालिटी और संतुष्टि का पूरा ध्यान रखा है। प्रत्येक बैच का लैबोरेट्री टेस्ट के बाद ही माल पैकिंग होता है। इसके बाद एडवांस्ड वाशिंग पाउडर अर्चना एक्टिव प्लस लांच किया जो भी बाजार में अपनी धाक जमा रहा है। इसका उपयोग वुलन कपड़ों, वाषिंग मशीन के काम में आता है।
लोकेन्द्र पालीवाल ने बताया कि इसी तरह अर्चना एक्टिव डिटजेंट केक लांच किया। इसके बाद शीघ्र ही लाये जाने वाले नये ईको-फ्रेन्डली प्रोडक्ट पर निरंतर आरएण्डडी चल रही है और ये उत्पाद शीघ्र ही लांच किए जाएंगे।
सौरभ पालीवाल ने बताया कि अगरबत्ती और डिटर्जेंट पाउडर और केक के बाद अर्चना धनलक्ष्मी गोल्ड टी के नाम से चाय भी लांच की है। आसाम के बागानों से चाय की सीधी खरीदी कर यहां ब्लेंडिंग और टेस्टिंग के बाद 25 किलो तक के बैग में उपलब्ध कराई गई है। चाय की गुणवत्ता का सर्वाधिक ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि नमन इंडस्ट्रीज के माध्यम से सरकार की योजना महिला सशक्तीकरण को भी हम प्राथमिकता दे रहे हैं।
नमन इन्डस्ट्रीज की निदेशिका नेहा पालीवाल इस कंपनी को संभालती है जिसके माध्यम से करीब 50 से अधिक महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें बनने वाली मषीन बत्ती, धूप बत्ती, लोबान, गूगल आदि का निर्माण किया जाता है। सामाजिक सरोकारों के तहत भी ग्रुप प्रतिवर्ष स्कूलों में बैग्स, कॉपीज, रजिस्टर आदि का वितरण करता है। इसके लिए अर्चना सेवा संस्थान और अर्चना चेरिटेबल ट्रस्ट बनाया गया है। नेहा पालीवाल कामकाजी एवं घरेलू परेशानियों से जूझ रही महिलाओं को रोजगार दिलाकर उनका आर्थिक उन्नयन में लगी हुई है।
अर्चना ग्रुप के नित नई उंचाईयां छूने के पीछे कारणों के बारे में सौरभ पालीवाल ने बताया कि सर्विस पाइंट ऑफ व्यू से हमारा प्रति माह तारीख वार ट्यूर तय रहता है। 25 से अधिक वाहनों के माध्यम से हमारा माल उनकी दुकानों तक पहुंचता है। अर्चना ग्रुप के स्टाफ एवं परिवार ने एक साथ मिलकर इस ग्रुप को नई उंचाईयों पर पंहुचाया है।
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