देसी चिकित्सा पद्धति से ईलाज पुस्तक का हुआ विमोचन
उदयपुर. बीकानेर की राजनीति में विशेष दबदबा रखने वाले पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि दीर्घाअवधि तक खर्चिले एलोपेथी से ईलाज की तुलना में परम्परागत देसी नुस्खे से उपचार ज्यादा उपयोगी रहता है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में हर तकलीफ का ईलाज है मगर साजिश के तहत एलोपेथी को बढावा दिया जा रहा है।
वे सोमवार केा भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के कुंभा सभागार में उनकी संकलित एवं लिखित पुस्तक देसी ईलाज एक घंटे से एक माह तक के विमोचन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होने कहा कि हम किसी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ नही है और न ही किसी डाक्टर की कमाई मारने के पक्ष में है। मेरा मकसद तो सिर्फ इतना है कि डाक्टर बडी बिमारियों के उपाचार तथा शोध कार्यो में जुट जाये। इस पुस्तक में उन्होने विभिन्न बिमारियों के घरेलू ईलाज के नुस्खे को संकलित किया है। उन्होने बताया कि यह पुस्तक पॉकेट बुक के रूप में प्रकाशित की गई है। भाटी ने बताया कि वर्तमान में अस्पतालो में सुविधाए पूरी नही मिलती तथा खर्चीला व लम्बा ईलाज चलता है। पुस्तक में अम्लपीत, थाईराईट, माईग्रेन, खांसी, गठिया, जुखाम, चश्मा हटाओ, दांतो की खराबी, चर्म रोग, अल्सर, संतान रोग, लीवर सहित 150 से अधिक नुस्खों से ईलाज संभव है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिपेन्द्र सिंह शेखावत, विशिष्ठ अतिथि सांसद हरिओम सिंह राठोड, पूर्व सांसद वरिष्ठ भाजपा नेता भानु कुमार शास्त्री, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष शान्ति लाल चपलोत तथा प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया , बी.एन संस्थान के निदेशक मोहब्बत सिंह रूपाखेडी, बीएन संस्थान के चेयरपर्सन गुणवंत सिंह झाला, बीएन अध्यक्ष डॉ. जीवनसिंह राणावत कार्यक्रम संयोजक मदन सिंह राठौड थे। समारोह का संचालन डॉ0 अनिता राठौड ने किया । जब कि धन्यवाद महेन्द्र सिंह शेखावत ने दिया । समारोह में बी.एन संस्थान के पूर्व निदेशक रावत मनोहर सिंह कृष्णावत, तेज सिंह बान्सी, डॉ0 निरंजन नारायण सिंह खोड, रोशन लाल जैन, धर्मनारायण जोशी, नकुल सिंह भाटी, शक्ति सिंह कारोही, दरियाव सिंह चुण्डावत, दुर्गा सिंह राठौड सहित शहर के गणमान्य नागरिक मौजुद थे ।