संस्कार यात्रा पंहुची गायरियावास
उदयपुर। राष्ट्रसंत गणिनी आर्यिका 105 सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि मनुष्य को जीवन में अर्जित की जाने वाली आय का एक निश्चित हिस्सा दान पुण्य में लगाना चाहिये,इससे मान-सम्मान, यश, कीर्ति एवं आर्थिक स्थिति में वृद्धि होती है।
वे आज गायरियावास स्थित चन्द्रप्रभु मन्दिर में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंसान को वह काम कभी नहीं करना चाहिये जिसमें स्वयं की प्रशंसा और दूसरों की निन्दा निहित हो। जीवन में उंचाईयों की ओर अग्रसर होने के लिए दान-पुण्य एवं समय-भाग्य पर हमेशा विश्वास करना चाहिये।
इससे पूर्व आज संस्कार यात्रा सर्वऋतुविलास से गायरियावास सिथत चन्द्रप्रभु मन्दिर पंहुची जहां यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। मार्ग में स्वागत द्वार लगाये गये। बीच में अनेक स्थानों पर माताजी का पाद प्रक्षालन किया गया। मन्दिर पंहुचने के बाद वासुपूज्य भगवान का अभिषेक,शान्तिधारा कर जगत कल्याण की भावना प्रदर्शित की गई।
संस्कार यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश गोदवत ने बताया कि यात्रा का अगला पड़ाव हिरणमगरी से. 5 प्रभातनगर रहेगा, जहां माताजी एवं यात्रा के भव्य स्वागत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। से. 5 के महामंत्री रमेश जुसोत ने बताया कि गुरू मां के स्वागत के लिए कुण्डलगढ़ से विशेष बैण्ड मंगवाया गया है। युवा मंच के मनोज चंपावत ने बताया कि चन्द्रप्रभु युवा मंच शोभायात्रा की भव्य तैयारियों में एवं चन्द्रप्रभु महिला मण्डल कलश के साथ की जाने वाली भव्य अगवानी करने में जुटा हुआ है। इस अवसर पर वर्षा योग एवं 25 जून को से. 5 होने वाले स्वागत के पोस्टर का माताजी द्वारा विमोचन किया गया।