वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रूद्राभिषेक
उदयपुर। महाकालेश्वर मंदिर परिसर में श्रावण महोत्सव कार्यक्रम के तहत प्रातः 10 बजे मंदिर परिसर में श्रीमहाकालेश्वर कावड़ यात्रा समिति की ओर से शिक्षा भवन चौराहा स्थित शिवाम्बा बावड़ी के जलाशय से कावड़ यात्रा के रूप में हरिओम महिला सत्संग मण्डल की ओर से आभा आमेटा के सानिध्य में हर हर महादेव के उद्घोष के साथ लाए गये जल से महाकालेश्वर का जलाभिषेक किया गया।
तत्पश्चात् सहस्त्रधारा अभिषेक पंडित हरीश नागदा के सानिध्य में किया गया तथा अभिजित मुहूर्त में श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी मंदिर परिसर में रजत पालकी में बिराजमान कर निकाली गई। तत्पश्चात् महाआरती का आयोजन किया गया। श्रावण महोत्सव आयोजन के तहत् सांयकाल 4 बजे से श्रावणी पूर्णिमा तक पार्थेश्वर चिन्तामणी पूजा अनुष्ठान का शुभारंभ पं. नीरज आमेटा के सानिध्य में किया गया। आज के इस महोत्सव कार्यक्रम में विशेष अतिथि बीएस कानावत, भंवरलाल बाबेल, अमरनाथ सेवा समिति के मूलचन्द, तेजसिंह सरूपरिया उपस्थित रहे।
राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार सुख, शान्ति, सौहार्द्ध समृद्धि एवं अनुकुल वर्षा की मंगलकामना के लिए श्रावण मास के चार सोमवार राज्य के प्रत्येक जिले के शिव मंदिरों में रूद्राभिषेक कराया जाना है। जिसके अन्तर्गत श्रावण मास के प्रथम सोमवार को सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर में देवस्थान विभाग राजस्थान सरकार की ओर से प्रातः 11 .00 बजे रूद्राभिषेक प्रारंभ किया गया। जिसमें राजस्थान संस्कृत अकादमी के भारत भूषण एवं आचार्य मनीष शर्मा सहित ग्यारह विद्वान पंडितों द्वारा रूद्राष्टाध्यायी के सस्वर वैदिक पाठ सहित रूद्राभिषेक किया गया।
अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12.15 बजे महाकालेश्वर भगवान की आरती के पश्चात् विशेष मनोरथ के रूप में भगवान की रजत पालकी में सवार करा कर मंदिर परिसर के परिक्रमा क्षेत्र भ्रमण कराया गया सबसे आगे रथ में भगवान भोलेनाथ की तस्वीर रखी हुई तथा उसके पीछे भक्तगण महाकालेश्वर का जयकारा करते हुए चल रहे थे। श्रावण मास का प्रथम सोमवार होने से सुबह 3 बजे से ही मंदिर में श्रद्धालुओं का श्री महाकालेश्वर के दर्शन के लिए आना शुरू हो गया। रूद्राभिषेक के दौरान नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर तथा समर्थ फाउण्डेशन द्वारा देवस्थान विभाग के तत्वावधान में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण किया गया।