पुलिस थाना घंटाघर की कार्यवाही
उदयपुर। घंटाघर थाने से गुमशुदा विवाहिता की टीडी थाना क्षेत्र में जली हुई लाश के मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए उसे जलाकर हत्या करने की जानकारी सामने आई है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के अनुसार गत 28 जून को टीडी से 4 किमी उदयपुर की तरफ रोड के पास एक नग्न अवस्था में महिला की जली लाश पड़ी होने की सूचना पर पुलिस ने मृतका के वारिसों की तलाश की। पता नहीं चलने पर पोस्टमार्टम करा तलाश प्रारम्भ की गई। इससे पूर्व पुलिस थाना घंटाघर में 27 जून को प्रार्थी इन्द्रसिंह मेहता निवासी मठठों की सेहरी श्रीनाथ जी मन्दिर के पास ने रिपोर्ट दी कि उसकी पत्नी सरोज मठठा 42 साल सुबह घर से फतहनगर शिविर में जाने की बात कहकर निकली। अंतिम बार 2 बजे मोबाइल पर बात हुई उसके बाद बात नहीं हो पा रही है। इस पर थाना घंटाघर पर दर्ज कर तलाश जारी की गई। एएसपी सुधीर जोशी, बृजेश सोनी डिप्टीब गोपाल सिंह भाटी, वृत नगर पश्चिम के निर्देशन में घंटाघर पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र सिंह जैन के नेतृत्व में गठित टीम मांगी लाल सउनि एवं अन्य को पता चला कि सरोज ने स्वयं के शिविर मे फतेहनगर जाने की बात अपने पति को बताई। रिश्तेचदार मनीष के चेतक सर्कल पर छोड़ने की जानकारी मिली। सरोज द्वारा छोटी बहिन से सोने की पॉलिश वाले आर्टीफिशियल जेवर, कन्दोरा, बाजूबन्द, हाथ के कड़े, गले का सेट व रकड़ी करीब 40 तोला वजनी ले जाना पाया गया। इस पर चेतक सर्कल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चेक किये गये तो चेतक सर्कल के पास स्थित पेट्रोल पम्प के सीसीटीवी कैमरे में उक्त महिला द्वारा अपने हाथ में बैग लेकर गुजरात रजिस्ट्रेशन की टाटा माजा कार में बैठते नजर आई। महिला के मोबाईल नम्बर की लोकेशन नाथद्वारा आना पाया गया। हाइवे के टोक नाकों पर सीसीटीवी फुटेज चैक किये गये। सीसीटीवी में उक्त कार में महिला सरोज का चालक के पास वाली सीट पर बैठे पाया गया। उक्त कार शिवनारायण सिंह सोलंकी के पास पाई गई। शिवनारायण सिंह के संजू सोनी को जेवरात बेचने के लिये दिखाने व उक्त जेवरात नकली होने की जरिये मुखबीर सूचना मिलने पर शिवनारायण सिंह पर सन्देह से पूछताछ हेतु तलाश की गई तो उक्त व्यक्ति घर से फरार था। पहले तो शिवनारायणसिंह ने मामले की जानकारी होने से ही मना कर दिया। बाद में उसे हाइवे, मोबाइल पर बातचीत आदि बताई तो वह टूट गया और सारी जानकारी बताई। उसने बताया कि वह सरोज मठ्ठा से चार माह पूर्व परिचित हुआ था यह परिचय अच्छी दोस्ती में बदल गया। उसने सरोज के साथ नाथद्वारा एवं कुम्भलगढ़ घूमने का प्लान बनाया। शिवनारायण सिंह ने सरोज के पास जेवरात देखे। इसे सोने का समझ मन में खोट आ गई और जेवरात हथियाने के लिये सरोज की हत्या की साजिश तैयार की। कुम्भलगढ़ से वापसी में देहलीगेट से शिवनारायण सिंह ने चूहे मारने वाली जहर की पुडिया खरीदी जिसे कोल्डड्रिंक मे मिलाकर सरोज को पिला दिया। सरोज कार में ही बेहोश हो गई तब कार अहमदाबाद रोड पर ले गया व रास्ते में 100 रूपये का पेट्रोल बलीचा पेट्रोल पम्प से खरीदकर कैन में लिया। टीडी से 3-4 किमी पहले रोड के पास बनी पानी की नाली के पास कार से सरोज को नीचे उतारा। सरोज की सलवार खुलकर नीचे गिर गई व उपर पहने कपड़े को सरोज के मुंह व गले पर लपेट कर सरोज को नाली में डाल दिया और पेट्रोल व डीजल उपर डाल कर जला कर मौके से घर उदयपुर आ जाना बताया। हत्याकांड खोलने में अहम भूमिका निभाई टीम में पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र सिंह जैन, सहायक उप निरीक्षक मांगी लाल, हैड कानि शरीफ खान, कांस्टे्बल करमवीर, कपिलदेव, राकेश कुमार, भीमराज, तरूण, बुद्धनारायण, प्रदीप कुमार शामिल थे।