उदयपुर। राष्ट्रसंत गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी की निश्रा मे 48 दिनों से बलीचा स्थित ध्यानोदय क्षेत्र में चल रहे भगवान आदिनाथ जिनेन्द्र भक्ति महाअर्चना एवं विश्वशान्ति महायज्ञ का आज समापन हुआ।
साध्वी ने श्रावकों को भावविभोर होते हुए कहा कि यह शरीर अनमोल है। एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभु भक्ति कर पुण्य संचय कर लेना चाहिये अन्यथा समय निकलने के बाद एक दिन पछताना पड़ता है। 48 दिनों तक चली यह आराधना से यह सम्पूर्ण क्षेत्र उर्जा से परिपूर्ण हुआ है। उन्होेंने कहा कि प्रभु भक्ति से जीवन में हर कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण कर सकते है।
उन्होंने कहा कि कल से दिगम्बर समाज के प्रारम्भ हो रहे पयुर्षण पर्व में जाने-अनजानंे में हुए पापों का प्रायश्चित इन 11 दिनों में कर धर्म के मार्ग की ओर अग्रसर होना चाहिये।
कार्यकारी अध्यक्ष ओमप्रकाश गोदावत एवं महामंत्री प्रकाश सिंघवी ने बताया कि आज सम्पन्न हुई आराधना में इन्द्र कमलेश चित्तौड़ा, यज्ञनायक, रामगंज मण्डी के त्रिलोक जैन सहित बांसवाड़ा समाज के बन्धुओं ने भक्तिभाव से पूजा अर्चना कर पुण्यसंचय किया। उन्होंन बताया कि गुरू मां का पाप से पुण्य की ओर ले जाने के लिये आज दोपहर बाद संस्कार यात्रा पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर से विहार कर से. 4 पहुंची जहां हिरणमगरी के सभी उपनगरों के श्रावकों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।