आनंद नगर में तेरापंथ समाज का क्षमापना समारोह
आयंबिल के मासखमण पर अभिनंदन
उदयपुर। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में आनंद नगर में सोमवार को क्षमापना दिवस मनाया गया। तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने कल कोलकाता में स्थानकवासी संघ के आचार्य शिव मुनि एवं राम मुनि को संबोधित कर संवत्सरी की एक तिथि तय करने का आव्हान किया जिस पर ओम अर्हम की ध्वनि से सभा भवन गूंज गया।
शासन श्री मुनि रवींद्र कुमार ने कहा कि आज क्षमा एवं तप का दिन है। हमें क्षमायाचना नही किंतु खमतखामना करनी चाहिए। क्षमायाचना में एक तरफा होती है जबकि खमतखामना में दोतरफा माफी होती है। हालांकि आज के युग में ऐसा हो नही रहा है। क्षमा से आत्मा का कल्याण हो सकता है। उन्होंने आचार्य श्री महाश्रमण के प्रति मन, वचन, काया से खमतखामना की।
तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि मैत्री, करुणा और अनुकंपा दिवस का भाव लाता है ये दिन। आठ दिन तक पर्युषण की साधना करने की निष्पत्ति क्षमायाचना है। हृदय परिवर्तन नही होने तक क्षमायाचना किसी काम की नही है। महावीर के अनुयायी हैं तो एक सूत्र क्षमा को जरूर पकड़ें। जिसके भीतर क्षमा नही वो रेगिस्तान का जहाज है। जीवन एक यात्रा है जिसमें कई घुमाव आते हैं।
मुनि शांतिप्रिय ने कहा कि क्षमा धर्म का मूल है। दुनिया को बदलने से पहले खुद को बदलना होगा। मन से खमतखामना करनी चाहिए। साथ में कुछ नही जाएगा सिवाय धर्म के। क्षमा मेरा धर्म है, इसकी माला फेरें, निश्चय ही फर्क आएगा।
मुनि अतुल कुमार ने गीत बरसा दाता बरसा … के माध्यम से खमतखामना करते हुए कहा कि क्षमा सज्जन पुरुषों का धर्म है। कई अनुष्ठान किये, तप किये लेकिन भीतर क्षमा नही पनप पाई तो सब व्यर्थ है। क्षमा प्रधान देश हो जाये तो हर तरह के कष्ट से मुक्त हो जाएंगे। नकारात्मक विचार आते ही व्यक्ति को तोड़ देता है।
इस अवसर पर तेरापंथ मेवाड़ जैन कांफ्रेंस के नव निर्वाचित अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत का अभिनंदन किया। फत्तावत ने कहा कि जैन समाज का प्रत्येक व्यक्ति क्षमा का अर्थ समझता है। उन्होंने त्रिआयामी मन, वचन और काया से खमतखामना की। मन से यदि क्षमायाचना करें तो कोर्ट, कचहरी विवाद की जरूरत ही नही होती। मेवाड़ कांफ्रेंस के अध्यक्ष बनने का अर्थ उदयपुर समाज का प्यार है जिसने मुझे यहां पहुंचाया। श्रावक की कांफ्रेंस से तथा कांफ्रेंस की श्रावक से क्या अपेक्षा है, इस बारे में जानकर काम करूंगा। 32 आयंबिल का मासखमण करने वाली सुमन कच्छारा और कुणाल मेडतवाल का अठाई और अर्हम सुराणा का अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष निर्मल धाकड़, महिला मंडल की मंजू इंटोदिया, तेयुप मंत्री कमलेश परमार, मोतीलाल कच्छारा, लादूलाल मेडतवाल ने भी खमतखामना की। सभी ने गत वर्ष में इंगित का कोई आदेश समझ नही पाने, जाने अनजाने में रही भूल के लिए सभी मुनिवृंद एवं समाजजनों से खमतखामना की। मीना कच्छारा एवं समूह ने मंगलाचरण किया। संचालन सभा उपाध्यक्ष सुबोध दुग्गड़ ने किया।