उदयपुर। सुप्रकाशज्योति मंच द्वारा गणिनी आर्यिका 105 सुप्रकाशमति माताजी के 52 वें ज्योति महोत्सव का आगाज आज बलीचा स्थित ध्यानोदय क्षेत्र में हुआ। पंाच दिवसयी कार्यक्रम के प्रथम दिन आगरा के अनिल जैन द्वारा ध्वजारोहण किया गया।
कार्यकारी अध्यक्ष ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि इस अवसर पर 108 इन्द्र-इन्द्राणियों द्वारा भूमि शुद्धि एवं सकलीकरण से महाअर्चना प्रारम्भ की गई। उन्होेंने बताया कि महाअर्चना की विशेषता यह है कि इसे करने से प्रत्येक गृह की दोष की पीड़ा को कम करने के लिये अलग-अलग गृह पूजा होगी। प्रत्येक दिन विश्वशंाति महायज्ञ की आहूति दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस अवसर सधर्मी इन्द्र राजेश बी.शाह, कुबेर इन्द्र लक्ष्मीलाल मालवी,यज्ञनायक वीरेन्द्र लोलावत के साथ ही सभी इन्द्रों ने प्रभु का पंचामृत शान्तिधारा अभिषेक कर महामृत्यंुजय जिनेन्द्र महाअर्चना का शुभारम्भ किया।
प्रथम दिन सूर्यग्रह आरिएठ निवारक,पद्मप्रभुजिनेनद्र की अर्चना कर सर्वत्र व्याप्त सूर्यग्रह प्रकोप की पीड़ा,दूर करने के लिये विश्व शान्ति महायज्ञ भी हुआ।
आज होगी गृहनिवारक पीड़ा महार्चना-अध्यक्ष राजेश बी.शाह ने बताया कि शुक्रवार को प्रातः साढ़े 6 बजे जिनाभिषेक के साथ ही ग्रह निवारक पीड़ा जिनेन्द्र महार्चना होगी। संायकाल मां भगवती पद्मावती एवं चक्रेश्वरी देवी की विशेष भबिक्त नृत्य द्वारा पूजा होगी। जिसमे संगीतकार मनीष जैन का प्रसिद्ध भजन गायिका किजल साथ देगी।
विधानाचार्य नागपुर के ऋषभ जैन ने बताया कि पहली बार शहर में इस प्रकार की महार्चना का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए सुप्रकाशमति माताजी ने कहा कि मनुष्य गृहस्थ जीवन में रहते हुए जीवन यापन के लिये कुछ न कुछ पाप कर्म का उपार्जन करता है, जिससे उसे किसी न किसी ग्रह की पीड़ा को भोगना पड़ता है। इन ग्रह पीड़ाओं को कम करने के लिये जिनेन्द्र प्रभु की आराधना करने से मन प्रसन्न होता है और प्रसन्नचित्त रहने से बीमारियों से छुटकारा मिलता है।