उदयपुर। बैण्ड की मधुर स्वर लहरियों एवं भगवान पाश्र्वनाथ के जयकारों के बीच 11 दिवसीय सम्मेद शिखर तीर्थयात्रा पूर्ण कर पुन: लेक सिटी पंहुचेने पर रेलवे स्टेशन पर तीर्थ यात्रियों का जोरदार स्वागत किया गया। पार्श्व नाथ भगवान की जयकारों से स्टेशन गुंजायमान हो गया। यात्रियों के परिजन एवं समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने संस्थान के मुख्य संरक्षक एवं अन्य पदाधिकारियों का भावभीना स्वागत किया।
श्री महावीर युवा मंच संस्थान के तत्वावधान में लेकसिटी से सम्मेद शिखरजी की तीर्थयात्रा पूर्ण कर 11 दिवस बाद तीर्थयात्री सोमवार को 1.40 पर शहर के सिटी रेलवें स्टेशन पंहुचने पर स्वागत समिति के संयोजक संस्थान के पूर्व अध्यक्ष संजय भण्डारी के नैतृत्व में संस्थान के सदस्यों ने यात्रियों का जोरदार स्वागत किया। जैसे ही टे्रन सिटी स्टेशन पर पहुंची तो टे्रन के साथ-साथ बैण्ड की स्वर लहरियां बिखरते हुए बैंण्ड वादक चल रहे थे और तीर्थयात्रीयों को लेने आये परिजनों एवं समाजजनों ने पाश्र्वनाथ भगवान की जयकारों से यात्रियों का स्वागत किया। सिटी स्टेशन पर पहुंचने पर मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत, अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश चोरडिया, संघपति लीला देवी जीवन सिंह मेहता, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा विजयलक्ष्मी गलुण्डिया, महामंत्री सोनल सिंघवी, पूर्व अध्यक्ष श्याम नागौरी महेन्द्र तलेसरा, राजेश महेता, दीपक सिंघवी एवं मनीष गलुण्डिया का जैन समाज के विभिन्न संघठन के पदाधिकारियों एवं संस्थान सदस्यों ने मेवाडी पगडी, शॉल, उपरणा एवं माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया वहीं रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तीर्थयात्रों को माला एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। जैसे ही बैण्ड की स्वरलहरियों के साथ प्लेटफार्म नम्बर 3 से रेलवे स्टेशन के बाहर लाया गया सिढियों पर संस्थान की महिला प्रकोष्ठ एवं सदस्यों ने पुष्पवर्षा कर तीर्थयात्रियों का जयघोष की बीच अद्भुत स्वागत किया।
तीर्थयात्रियों का स्वागत : सम्मेद शिखर जी तीर्थयात्रा पूर्ण कर जैसे ही तीर्थयात्रा की स्पेशल थ्री टायर एसी टे्रन मेवाड की धरा पर प्रवेश के साथ ही स्वागत का सिलसिला शुरु हुआ। चंदेरिया रेलवे स्टेशन पर चित्तौड के जैन समाज द्वारा बैण्ड बाजों की गुंज एवं जयकारों की गूंज के बीच यात्रियों का स्वागत किया एवं इस क्षेत्र से गये तीर्थयात्रियों एवं संस्थान के पदाधिकारियों का माला पहनाकर स्वागत किया गया। इस तरह मावली, फतहनगर, राणाप्रतापनगर पर भी ढोल नंगाडों की गूंज के बीच स्वागत किया।