राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला ‘गांधी शिल्प बाजार 2012’
udaipur. बिना किसी ब्रश के पेन्टिंग और वह भी अंगुलियों के नाखून से मॉर्डन आर्ट, गणेश जी, राधा-कृष्ण,फ्लावर,गिफ्ट कार्ड आदि बना कर अपनी विरासत कला को पिछले 22 वर्षो से अभी तक संजोये हुए है गुजरात का गोल्ड मेडलिस्ट कलाकार कमल भट्ट।
गुजरात के भादरण गांव के 41 वर्षीय नेल पेन्टिग कलाकार कमल भट्ट ने बताया कि उक्त कला अपने पिता से विरासत में मिली। जिसे वे पिछले 22 वर्षो से संजोये हुए है। उन्होनें बताया कि नेल पेन्टिग कला इनके पिता को गोड गिफ्ट मिली हुई है। आज भी कमल भट्ट 35 वर्ष पुराने उसी कपड़े पर अपनी पेन्टिग को पाउडर में तैयार किये हुए विभिन्न ऑयल मिक्स कलर मे रंगते है जिस कपड़े पर इनके पिता रंगते थे। इनका कहना है कि सफेद कागज पर तैयार की गई पन्टिंग पर एक बार रंगा चढ़ा देने से वह पेन्टिग फट जाती है लेकिन उसका रंग नहीं जाता है।
2003 में मिला गोल्ड मेडल- रूडा के दिनेश सेठी ने बताया कि भट्ट की कला से प्रभावित हो कर पश्चिम क्षेत्र संास्कृतिक केन्द्र के तत्कालीन निदेशक विश्वास मेहता ने इन्हें शिल्पग्राम में गोल्डमेडल से सम्मानित किया। अब तक बैंगलोर,हैदराबाद, चैन्नई,नासिक,जयपुर, जोधपुर सहित अनेक स्थानों पर अपनी कला का प्रदर्शन चुके भट्ट इन दिनों उदयपुर में रूडा (रूरल नॉन फार्म डवलपमेंट एजेंसी) की ओर से टाऊनहॉल में आयोजित राष्ट्रीय क्राफ्ट मेला ‘गांधी शिल्प बाजार 2012’ में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे है।