आयुर्वेद औषधालयो के विकास के लिए सांसद कोटे से 5 लाख
उदयपुर। धन्वन्तरि महोत्सव, आयुर्वेद दिवस के अन्तर्गत जिला स्तरीय सम्मान समारोह एवं धन्वन्तरि जयन्ति महोत्सव आज 18 अक्टुबर मंगलवार को प्रातः9.15 पर तेरापन्थ भवन नाईयो की तलाई में सांसद अर्जुन लाल मीणा के मुख्य अतिथ्य एवं प्रो. उमाशंकर शर्मा कुलपति एमपीयुएटी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
मुख्य अतिथि अर्जुन लाल मीणा ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्वति निरापद है एवं आज के वैद्य समाज को वैकल्पिक चिकित्सा से इसे मुख्य धारा में लाने के लिए सार्थक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से विभिन्न योजनाओ का उदयपुर शहर एवं ग्रामीण क्षैत्र के विकास के लिए क्रियान्वित कराने का प्रयास करूंगा।इस अवसर पर उदयपुर जिले में आयुर्वेद औषधालयो के विकास के लिए 5 लाख रूपये देने की घोषणा की ।
अध्यक्षता कर रहे एमपीयुएटी के कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद का मूल सिद्धान्त स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना एवं रोगी के रोग का निवारण करना है। मूलतः आयुर्वेद वन एवं वनौषधियो के माध्यम से चिकित्सा करता है तथा रस चिकित्सा भी वन औषधियो के बिना संभव नही है, अतः इनका संरक्षण एवं संवर्द्धन महत्ती आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि महापोर चन्द्र सिंह कोठारी ने कहा कि नगर निगम अपने मूल कार्य के साथ -साथ आमजन के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है व समय-समय पर योग व आयुर्वेद के क्षैत्र में सहयोग करती रही है व आगे भी हरसंभव मदद करेगी।
ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने अपना स्वयं का अनुभव बताते हुए कहा कि मैं नियमित रूप से प्रातः 4 बजे उठकर योग व आयुर्वेद में बतायी दिनचर्या के अनुसार अपने दिन का शुभारम्भ करता हूं व आज भी इससे स्वस्थ हूं।
यूआईटी चेयरमैन रवीन्द्र श्रीमाली ने कहा कि उदयपुर शहर में भारत सरकार की योजनानुसार आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा के विश्व स्तरीय चिकित्सालय के खोलने हेतु नगर विकास प्रन्यास हरसंभव मदद करेगी।
आयुर्वेद कॉलेज प्राचार्य प्रो.महेश दीक्षित ने पेन मैनेजमेन्ट पर विशेष व्याख्यान दिया। कार्यक्रम संयोजक आयुर्वेद चिकित्साधिकारी वैद्य शोभालाल औदिच्य ने बताया कि आयुर्वेद केवल मात्र चिकित्सा विज्ञान ही नही है अपितु यह एक जीवन दर्शन, संस्कृति तथा संस्कार है। किसी भी संस्कृति को श्अभ्यासेन तु कौन्तेयश् के ध्येय वाक्य की पालना करते हुए अभ्यास द्वारा रक्षित ,प्रचारित व स्थापित किया जा सकता है। अतःलोक कल्याणार्थ ʺप्राणिनामार्तिनाशनम्ʺ के आप्त वाक्य को जीवन में चरितार्थ करते हुए इस विज्ञान को पुनः मुख्य धारा में लाना सम्पूर्ण आयुर्वेद समुदाय का दायित्व व धर्म है।
आयुर्वेद अधिकारी वैद्य बाबू लाल जैन ने बताया की-वैद्य भोला शंकर शर्मा की स्मृति में लाईफ टाईम अचीवमेंन्ट अवार्ड उनके परिवार जन माता कौशल्या देवी व धर्मपत्नी हर्षा शर्मा के सोजन्य से वैद्य बाबू शंकर आमेटा को प्रदान किया गया।व परिवार जनो ने घोषणा करी कि यह सम्मान स्व. वैद्य जी की स्मृति में प्रतिवर्ष धन्वन्तरि जयन्ति पर आयुर्वेद के क्षैत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियो को 5100 रू नकद ,मेमोन्टो,शॉल व प्रशस्ति पत्र के साथ प्रदान किया जायेगा। आयुर्वेद क्षैत्र में विशिष्ट सेवाओ के लिए सम्मान किया गया।
समाज सेवी राजकुमार फत्तावत, पार्षद रेखा चौहान, सूर्य प्रकाश मेहता, रिटायर्ड विभागीय अधिकारी व कर्मचारी, आयुर्वेदिक औषध निर्माता, आयुर्वेदिक औषधिय प्रतिष्ठान के प्रतिनिधि, पतंजलि योग समिति के पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व सेकड़ों आमजन उपस्थित थे। कार्यक्रम मे उपस्थित महानुभाओ का धन्यवाद वैद्य सुहास अग्रवाल ने दिया।