उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय ने डॉक्टर कौशल नागदा को मेवाड़ के महाराणा लाखा से मेवाड़ के महाराणा सांगा कालीन स्थापत्य स्मारकों से सम्बन्धित सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधिया एक अध्ययन विषय पर पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।
कौशल ने अपना शोध कार्य डॉ. ललित पाण्डे पूर्व निदेशक साहित्य संस्थान (इंस्टीटयूट ऑफ राजस्थान स्टडीज, उदयपुर) जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविधालय के निर्देशन में पूर्ण किया। नागदा ने बताया कि शोध कार्य में अध्ययन से निर्ष्कष स्वरुप यह प्रतिपादित किया कि मेवाड़ के स्थापत्य स्मारक अपने समय के इतिहास के अतिरिक्त आर्थिक वैभव और सामाजिक परम्पराओं के दर्पण है। महाराणा लाखा से सांगा कालीन समय की आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों की पूर्ण जानकारी प्राप्त होते हुए मेवाड़ की समृद्धि विकास ज्ञात होता है । वर्तमान परिपेक्ष्य में इस स्मारकों का संरक्षण एवं जिर्णोद्धार किया जाना आवश्यक है । अन्यथा यह अपने समय के स्मारक विलुप्त हो जायेंगे । आज आवश्यकता है कि सरकार उच्च शिक्षा संस्थान के अलावा औद्योगिक घरानों को इन स्मारकों के संरक्षण के लिये आगे आये।