4 लाख निदेशक हुए अयोग्य
उदयपुर। केन्द्र सरकार ने देश में पिडछले लम्बे समय से बंद एवं सिर्फ कागजों में चल रही ढाई लाख ऐसी सेल कम्पनियेां के नाम रजिस्ट्रार आॅफ कम्पनीज़ से हटा दिये है। इन कम्पनियों में कार्यरत 4 लाख से अधिक निदेशक अयोग्य घोषित कर दिये गये है। ऐसे में इन निदेशकों वाली कम्पनियों पर इनका काफी प्रभाव पड़ने की संभावना है।
द इन्स्टीट्यूट अॅाफ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट आॅफ इण्डिया के उदयपुर चेप्टर द्वारा आज आज से हिरण मगरी से. 14 स्थित आईसीएआई भवन में राजकोषीय प्रणाली में मुख्य बदलाव के लिए उत्प्रेरक सुविधाकर्ता विषयक दो दिवसीय सेमिनार के अंतिम दिन आयोजित प्रथम सत्र में कम्पनी अधिनियम में हुए कं्रातिकारी बदलावों पर बोलते हुए उक्त जानकारी दी। कालिया ने बताया कि दिल्ली से आये एडवोकेट सौरभ कालिया ने बताया कि आने वाले समय में सरकार ऐसी एक लाख और कम्पनियों को चिप्हित कर उन्हें बंद किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि कम्पनी एक्ट 2013 में जो कमियंा थी उन्हें इस सरकार ने कम्पनी एक्ट 2017 में काफी कुछ सुधारा है। इस अवसर पर उन्होंने कारोबार करने की आसान प्रक्रिया पर जोर दिया। इस सेशन में अन्य पेनलिस्ट सीए योगेश पोखरना, सीए पवन तलेसरा,सीए सुधीर मूथा अपने विचार रखते हुए सदस्यो की समस्याओं का समाधान किया।ं
दूसरे सत्र में सूरत से आये अश्व लीगल एडवाकेट कम्पनी के सीए अविनाश पोद्दार ने बताया कि सरकार जीएसटी पर लगातार काम कर रही है लेकिन जीएसटी की गत दिनों आयोजित हुई बैठक में हेण्डीक्राफ्ट को कर मुक्त कर दिया था लेकिन हेण्डीक्राफ्ट को सही रूप में परिभाषित नहीं करने से कारोबारी असमंजस मंे है। सरकार शीघ्र ही जीएसटी रिटर्न के सरलीरकण पर कुछ निण्ज्र्ञय देगी। अभी भी सरकार के पास ऐसे इश्यू है पेन्डिंग है जिन पर सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिये जाने से कारोबार प्रभावित हो रहा है। इस सेषन के अनय पेनलिस्ट सीए किशोर पाहुजा, सीए संगीता बोर्दिया,सीए धु्रव शाह अपने विचार रखते हुए सदस्यों की समस्याओं का समाधान किया।
काॅन्फ्रेन्स सलाहकार सीए श्याम एस.सिंघवी ने बताया कि दो दिन के सेशन में करीब 800 से अधिक सीए ने भाग ले कर प्रश्नोत्तर के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं को शान्त किया।
चेप्टर चेयरमेन सीए अंशुल मोगरा ने प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत किया और अंत में सचिव सीए विशाल मेनारिया ने आभार ज्ञापित किया।