फेडरेशन आॅफ इंडियन स्पाइस स्टेकहाॅल्डर्स का दो दिवसीय राष्टृीय वार्षिक सम्मेलन का समापन
जयपुर। यह दुनिया 21वीं सदी की ओर कदम बढ़ा चुकी है। यह 21वीं सदी एषिया की होगी, जिसका नेतृत्व भारत करेगा। इसके लिए यह जरूरी है कि देष का व्यापारी और किसान आपसी सहयोग की भूमिका में आ जाए। इसी भूमिका को साकार करने के लिए फेडरेषन आॅफ इंडियन स्पाइस स्टेकहाॅल्डर्स की स्थापना की गई।
भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने देष के किसानों और व्यापारियों को मजबूत बनाने पर जोर देते हुए देष के विकास की बात कही। फेडरेषन के दो दिवसीय वार्शिक सम्मेलन के समापन समारोह में अर्जुन मेघवााल ने कहा कि सबका साथ और सबका हाथ वाली अवधारणा को फलीभूत करते हुए भारत दुनिया की मजबूत अर्थव्यवस्था बनने में सफल हो पाएगा। इस सदी में मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में भारत, चीन, जापान और यूरेषिया जैसे चार देषों में प्रतिस्पद्र्धा है और भारत लोकतांत्रिक, सांस्कृतिक छवि के कारण भारत को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों के विकास के साथ ही कृशि उत्पादन में वृद्धि हो रही है, जिससे किसानों और व्यापारियों दोनों को ही लाभ मिल रहा है। कृशि के लिए विकसित तकनीक की वजह से ही राज्य में जीरा और मैथी की मसाला फसलों का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने आष्वासन दिया कि किसानों की आय दुगुनी करने के प्रयास सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।
अधिवेषन में फेडरेषन के चेयरमैन अष्विन नायक ने अपने उद्बोधन के दौरान स्पाइस बोर्ड के पुनर्गठन की मांग रखी। साथ ही उन्होंने किसानों के हित के लिए धरतीपुत्र विकास योजना की घोशणा की, जिसमें पहले वर्श में 5 लाख रूपए की राषि किसानों के सहयोग के लिए खर्च की जाएगी। इस अवसर पर डीएस मसाले के ओ.पी. खंडूजा को ज्वैल आॅफ स्पाइस इंडस्टृी के सम्मान से नवाजा गया। खंडूजा ने इस मौके पर धरतीपुत्र विकास योजना कोश में एक लाख रूपए देने की घोशणा की। खंडूजा ने इस अवसर पर कहा कि मसाला फसलों का उत्पादन 85 प्रतिषत असंगठित ढंग से होता है, जिसे संगठित करना एक बड़ी चुनौती है। इस दौरान कुंवर जी कमोडिटीज के नरेंद्र भाई ठक्कर को यंग आंत्रप्रिन्योर की श्रेणी में सम्मानित किया गया।
दो दिवसीय अधिवेशन का षनिवार को मसाला की फसलों पर पैनल डिस्कषन और मसाला उद्योगों में आ रही चुनौतियों पर चर्चा करने के साथ ही सम्मान समारोह के साथ समापन हुआ। विभिन्न सत्रों में धनिया, जीरा, सौंफ और मैथी की फसलों की अंतरराश्टृीय स्तर पर इनकी स्थिति पर चर्चा की गई। समारोह के अंत में लाइफटाइम अचीवमेंट और फाॅर्मर कैटेगरी में अवार्ड दिए गए।
गुजरात स्थित पालनपुर में दांतिवाड़ा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सौराष्टृ, कच्छ, उंजा और राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, जालोर, सांचोर व नागौर क्षेत्र में सौंफ, जीरा, मैथी और धनिया की फसल पर तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। साथ ही धनिया, जीरा और सौंफ के संबंध में इंटरनेशनल क्राॅप सर्वे भी प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा धनिया और जीरा पर भविष्य की रणनीति प्रस्तुत की गई। अधिवेषन के सफल समापन पर फेडरेषन के सचिव तेजस गांधी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अधिवेषन में मुख्य तौर पर टृस्टी पुखराज चैपड़ा, दिनेष सोनी, नीरज पटेल, किषोर षाह, दिनेष भट्टड़, मितेष पटेल ने विभिन्न स़त्रों का संचालन किया।