निरंकारी मिशन का महिला संत समागम कार्यक्रम
उदयपुर। जयपुर से आयी निरंकारी मिशन की प्रचारक बहिन बेला खुराना ने कहा कि जिस घर में नारी की सहनशीलता एवं विनम्रशीलता होगी वह घर निश्चित रूप से स्वर्ग से कम नहीं होगा।
वे आज स्थानीय निरंकार मिशन के महिला इकाई द्वारा चिकूटनगर स्थित निरंकारी मिशन सभागार में आयोजित महिला समागम के अवसर पर बोल रही थी। उन्होेंने कहा कि नारी को अपनी मर्यादा में रह कर जीवन जीना चाहिये क्योंकि सीता द्वारा की गई अपनी मर्यादा के उल्लंघन पर रावण ने उसका अपहरण कर लिया था। सीता को उसके बाद काफी कष्ट झेलने पड़े थे। महिलाओं को अपनी मर्यादा की परिभाषा पर विचार कर जीवन में आगे बढ़ना चाहिये। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिये कि मर्यादा को कायम रखते हुए उन्हें कहंा कायम रखना और कहंा छूट देनी चाहिये।
बेला खुराना ने कहा कि नारियों को अपनी शक्ति को पहिचान कर उसे ढाले नहीं वरन् उन शक्तियों को उधेड़ कर उसका यथासमय उपयोग करना चाहिये। उन्होेंने कहा कि सद्गुरू की मर्यादा में रहने पर वह जीवन में सबकुछ सीख जाती है। गुरू की मर्यादा तोड़नें पर वह स्वयं का काफी नुकसान करती है।
उन्होंने कहा कि निरंकारी मिशन प्रारम्भ से ही महिला सशक्तिकरण पर जोर देता रहा है और यही कारण है कि बाबा हरदेवसिंह के निधन के पश्चात उनकी गदद्ी उनकी पत्नी गुरू मां ने ही संभाली है। नारी जाति को अनुशासन में रहना होगा। यदि दीवार रहित संसार का निर्माण करना है तो मन की दीवार को सर्वप्रथम हटाना होगा। बहू-बेटी को समान मानकर चलना होगा। उन्होंने नारी शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि बेटा परिवार की एक पीढ़ी को तारता है जबकि बेटी 10 पीढ़ियों को तारती है।
विशिष्टम अतिथि के रूप में शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त उपनिदेशक सज्जन परिहार, भीलवाड़ा से आये मिशन के सेवादल के हरीचरण सिंह, चित्तौड़ से धीरज पारेटा, भीलवाड़ा की इन्दु बहिन, जयपुर की गुड्डू बहिन, जया, महिला समागम की इंचार्ज रेणु निमावत, बाल सत्सग इंचार्ज रश्मि टेकचंदानी, इंग्लिश मीडियम इंचार्ज साहिल निमावत, मीडिया प्रभारी दिनेश टेकचंदानी, राजेश सोनी सहित अनेक अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम संयोजक जीतसिंह ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में संभाग से करीब एक हजार से अधिक मिशन अनुयायियों ने भाग लेकर अंत में लंगर प्रसाद ग्रहण किया।