उदयपुर। बॉलीवुड अभिनेता और फिल्म बागबान से चर्चा में आये बालीवुड कलाकार अमन वर्मा ने कहा कि बच्चों को हर धर्म की रक्षा, आदर करने की सीख देनी चाहिए। आपकी खासियत क्या है, उस पर ध्यान देना चाहिए, न कि धर्मों के मायाजाल में उलझने के।
वे आज वैभव क्रियेटीव डिजाइन स्कूल आफ डिजाईन द्वारा छात्रों के लिये आयोजित करियर गाईडेन्स कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि उदयपुर राजस्थान का सर्वाधिक सुंदर शहर है। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। मैं यहां कम से कम 50 बार आ चुका हूं। हाल ही में भीनमाल में एक हाॅस्पिटल के उद्घाटन में आया था। कुछ दिन पाए रेडिसन ब्लू में अवार्ड सेरेमनी में भी आया था।
उन्होंने कहा कि फिल्म अच्छी बने। लोग देखे और एक दूसरें को दिखाएं। मेरे आदर्श अमिताभ बच्चन और दिलीप साहब हैं जिन्हें हम सभी फॉलो करते हैं। इन दिनों तीन फिल्म्स विनोद तिवारी की लव इन गोआ, शुक्ला की एक फिल्म आशुतोष राणा के साथ आने वाली है। उन्होंने कहा कि एक समय होता है टीवी में रहने का। उस समय में अगर आप अच्छा कर लेते हैं तो वहां से आगे निकल जाते हैं। अब समय नए कलाकारों का है। बागबान फिल्म पूरे परिवार को कनेक्ट करती है। उसमें दादा दादी हैं, माता पिता हैं, बेटा बेटी हैं और यहां तक एक कुत्ता भी है जो पूरे परिवार को पूरा करता है।
वैभव ग्रुप के एससी मेहता ने कहा कि प्लेसमेंट के लिए हर स्टूडेंट लालायित रहता है। जॉब ओरियंटेड कोर्स से उन्हें लाभ मिलता है। किताबी ज्ञान से आगे हटकर हमनंे कोर्स शुरू किये हैं। इससे आत्मविश्वास आता है। अपना बिजनेस कर सकता है। हैंडीक्राफ्ट, इंटीरियर, ऑफिस खोल सकता है। जितना इनोवेशन और क्रिएशन दिखा सकता है। अपनी प्रतिभा के दम पर सब कुछ सीख सकता है। जर्नलिज्म का कोर्स भी शुरू किया गया है। किसी तरह का काम्प्लेक्स नही आना चाहिए।
उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में वैभवकेड एकेडमी के नाम से 2008 से उदयपुर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हमने यह महसूस किया कि बच्चे डिग्री करने के बाद रोजगार एवं नौकरी की तलाश में भटकते रहते हैं, परेशान होते हैं क्योंकि उनके पास केवल किताबी ज्ञान होता है। प्रेक्टीकल ज्ञान के अभाव में बच्चों को उनके हिसाब से रोजगार नहीं मिलता है अतः निराशा का भाव रहता है।
अतः ग्रुप ने वैभव क्रियेटीव डिजाइन स्कूल आॅफ डिजाईन के नाम से उदयपुर शहर में अपना नया काॅलेज खोला है। काॅलेज भवन की विशेषता यह है कि इसका आगे का एक भाग ब्लाॅक 90 तक घुमता है अतः बिल्डिंग का आगे का एलिवेशन बदलता रहता है। यह अपने प्रकार का राजस्थान में प्रथम काॅलेज होगा।
हमने काॅलेज में इस प्रकार के कोर्सेज लिये हैं जिनको करने के बाद बच्चों में एक प्रकार की आत्म-निर्भरता, आत्म-विश्वास एवं स्वयं रोजगार पैदा करने की क्षमता आ जाती है। बच्चों को जीवन व्यापन की एक लाईन, हुनर मिल जाता है। जिससे वह स्वयं अपना व्यवसाय कर सकता है। अपना स्वयं का निजी आॅफिस, कन्सलटेन्सी काम कर रोजगार देने का काम भी कर सकता है। सारे कोर्सेज आत्म निर्भर बनाने वाले है जैेसे- फेशन डिजाइन, इंन्टिरियल डिजाईन, टेक्स्टाईल डिजाईन, फर्निचर डिजाईन, शू डिजाईन, ज्वैलरी डिजाईन आदि आदि।
इन कोर्सेज को करने के लिए बच्चों का मेरिट में होना आवश्यक नहीं हैं- पढ़ाई में कमजोर अथवा कम प्रतिशत लाने वाले भी इसे कर सकते हे तथा अपने अन्दर छिपी प्रतिभा को पहिचान उसे गति दे सकते है एवं जीवन में आगे बढ़ सकते है। तरक्की कर सकते है। यह सारे कोर्सेज जीवन उपयोगी है। बच्चा जीवन में कभी भी बेरोजगार नहीं रह सकता है। इस प्रकार के कोर्सेज की दिनबदिन मांग बढ़ती जा रही है ओर रोजगार क्षेत्र में एक पोजेटिव क्रान्ती आने वाली है। मुख्य अतिथि अमन वर्मा ने वीसीडी स्कूल आॅफ डिजाईनिंग का ब्रोशर का विमोचन किया तथा छात्र-छात्राओं से विभिन्न विषयों पर चर्चा की।