उदयपुर। मैक्स हास्पिटल दिल्ली के ओर्थोपेडिक सर्जन डा. कमल दुरेजा ने कहा कि एंकल एवं पैर की चोट को हल्के में नहीं लेना चाहिये क्योंकि वह चोट जिन्दगी भर के लिये समस्या का कारण बन सकती है।
वे आज उदयपुर ओर्थोपेडिक सोसायटी द्वारा एक निजी होटल में आयोजित चिकित्सों की सीएमई सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि हमारे पैर पूरे शरीर के लिये ठीक मकान की नींव की तरह काम करते है। यदि नींव ही खराब होगी तो एंकल व पेर की चोटों के परिणाम स्वरूप आने वाली डिफारमिटी को बचाने के लिये आॅपरेशन किये जाते है।
उन्होंने कहा कि इन आॅपेरशन से मरीजों के काम पर लौटने का समय कम हो गया है। केवल प्लास्टर द्वारा ईलाज किये गये फेक्चर से उत्पन्न टेढ़ापन जिन्दगी भर के लिये दर्दरूपी नासूर बन जाते है। इस अवसर पर डाॅ. दुरेजा ने आधुनिक आॅपेरशन तकनीक से एंकल व पैर फेक्चर्स के उत्तम ईलाज पर चिकित्सकों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान हुआ।
डा. ए.के.मेहरा ने एंकल फुट पर आयोजित सीएमई में युवा ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों को आपेरशन में काम आने वाले वाली आधुनिक तकनीक की जानकारी जानने को मिली। नये उपकरण व नयी तकनींके देखने को मिली,जो मरीज के ईलाज में कारगर सिद्ध होगी।
सेमिनार में सोसायटी अध्यक्ष डा. बीएल कुमार, डा. एके मेहरा ने डा. अनामेन्द्र शर्मा व डा. जेपी शर्मा ने मूल माडल्स के जरिये इन तकनीकों के बारे में प्रतिभागियों को बताया। डा. कुमार ने कहा कि नेगलेक्टेड एंकल व फुट इंजरी पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। सोसायटी सचिव डा. अनुराग तलेसरा ने कहा कि 15 से 17 फरवरी तक उदयपुर में तीन दिवसीय सेमिनार रोसाकोन का आयोजन सोसायटी द्वारा किया जायेगा। जिसमें देशभर से 400 से अधिक ओर्थोपेडिक चिकित्सक भाग लेंगे।