प्रो. कृष्ण कांत दवे व डा. सोनल सिघंवी ने एक माॅडल केएसएसएचएन (कोरिया, सिंगापुर, शंगाई, हांगकोंग, भारत के सूचकांको) डवलप किया जो कि भारतीय शेयर बाजार निफ्टी सूचकांक पर एशियन शेयर बाजारों के प्रभावो का सटिक पूर्वानुमान कर सकता है।
उन्होनें इस माॅडल को भारत सरकार में काॅपीराइट के लिए भेजा और भारत सरकार ने इनके माॅडल को पंजीकृत किया। इस माॅडल के द्वारा पूर्वोत्तर देश कोरिया, सिंगापुर, शंगाई, हांगकोंग के मार्केट के खुलने के प्रभावों का निफ्टी की शुरूआत का पूर्वानुमान लगाया गया जो कि करीब-करीब सही निकला। ये चारों बाजार भारत के स्टाॅक बाजार से पहले खुल जाते है। इस माॅडल द्वारा निफ्टी के खुद के प्रभाव के अध्ययन करते हुए इन चारों देशों के स्टाॅक एक्सचेंज के खुलने के सूचकांक को इस माॅडल में डालने पर निफ्टी के खुलने की सूचकांक का पहले से ही अनुमान लग सकता है। भारत सरकार ने इस माॅडल पर सर्टिफिकिट जारी कर इन दोनो का नाम पंजीकृत किया है। इस माॅडल से निवेशको को भी पूर्वानुमान लगने से उनकी जोखिम स्टाॅक मार्केट में कम हो जायेगी साथ में मुनाफा भी हो सकता है। इस माॅडल को एनएसइ स्टाॅक एक्सचेंज में भी भेजने का प्रस्ताव है जिससे कि ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को फायदा हो सकता है।
पेसिफिक विश्वविद्यालय उदयपुर ने सोनल सिघंवी को पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया। शोध कार्य वित्त विभाग के प्रो. कृष्ण कांत दवे के मार्गदर्शन में किया गया। यह उपाधि उनको शेयर बाजार की अस्थिरता के अध्ययन पर दी गई। उनकी पीएचडी का विषय एशिया के प्रमुख शेयर बजारों का एक तुलनात्मक अध्ययन और उसका निफ्टी (एन.एस.ई) पर प्लवन प्रभाव पर था।