राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने बच्चों ने की अधिकारों के संरक्षण की मांग
जयपुर। बच्चे हमारे भविष्य की अनमोल धरोहर हैं, इनके संरक्षण से विश्व का विकास होगा, यह कोरी कल्पना नहीं हैं बल्कि सच्चाई है। राज्य में जो भी राजनीतिक दल सरकार का संचालन करें, उन सभी को बच्चों के मुद्दों को ध्यान में रखने की जरूरत है। यदि राजनीतिक दल बच्चों के मुद्दों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करते हैं तो आने वाली सरकार बच्चों की मांगों पर विचार कर सकेगी, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सकेगा।
माना कि ये बच्चे मतदाता नहीं है, फिर भी इन्हें कम नहीं आंकना चाहिए। बच्चों के जीवन और चरित्र का निर्माण देश के सुनहरे भविष्य का निर्माण करेगा। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि बच्चे हमसे क्या चाहते हैं। देश की आधी आबादी की इच्छाओं और मांगों को जानने के लिए ही दशम-लोकतंत्र में बच्चों की भागीदारी नाम से राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन मंगलवार को जैन नसियां जी स्थित तोतूका भवन में किया गया। जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने बच्चों की बातों को ध्यान से सुना और उनकी मांगों को अपने आगामी चुनाव में घोषणा पत्र में शामिल करने का आश्वासन दिया। सभी दलों का मानना है कि राजनीतिक दल बच्चों की बातों को महत्व देंगे तभी बच्चे अपना भविष्य बेहतर ढंग से संवार सकेंगे। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने यह माना है कि राज्य में बच्चे आज भी बहुत सी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके साथ हिंसा होती है, गांवों में मूलभूत सुविधाओं की आज भी कमी है, उन्हें पढने और खेलने के लिए बेहतर माहौल नहीं मिलता है। बच्चों का आज भी बाल विवाह करवा दिया जाता है। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए राजनीतिक दलों को मिलकर आगे आना चाहिए और बच्चों की भी लोकतंत्र में भागीदारी को महत्व दिया जाना चाहिए। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों में भाजपा से उपाध्यक्ष राजस्थान विधानसभा राव राजेंद्र सिंह, भाजपा महिला प्रदेशाध्यक्ष सुमन शर्मा, सामाजवादी पार्टी से शैलेंद्र अवस्थी, सीपीआई से निशा सिद्धू, कांग्रेस पार्टी से महेश शर्मा, सीपीआई माक्र्स पार्टी से संजय माधव और आम आदमी पार्टी से टी.एन. शर्मा इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
रिसोर्स इंस्टीट्यूट फाॅर ह्यूमन राइट्स और यूनिसेफ द्वारा आयोजित अभियान के प्रवक्ता विजय गोयल ने बताया कि गल्र्स नोट ब्राइड, राजस्थान समूह, राजस्थान आर.टीई. फोरम, जन स्वास्थ्य अभियान और बाल सुरक्षा नेटवर्क, उदयपुर द्वारा बच्चों के मुद्दों पर राज्य के सात संभागों में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों के मुद्दों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, संरक्षण एवं बेहतर सुशासन शामिल है, इन्हीं के साथ अपेक्षाओं और मांगों को चिन्हित कर मांगपत्र बनाया गया। इस मांगपत्र को कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा लघु नाटिका प्रस्तुत की गई, जिसमें उन्होंने उन्हीं के साथ हो रहे दुरव्यवहार और हिंसा का प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने उनके जीवन में आ रही समस्याओं को नाटक के माध्यम से प्रदर्शित किया। नाटक के माध्यम से बच्चों ने बताया कि उनके गांव में उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। अच्छी शिक्षा, अच्छी खेलकूद गतिविधियां, बेहतर आधुनिक सुविधाओं से वे वंचित रहते हैं। उन्होंने नाटक के माध्यम से सभी के सामने सवाल खड़े किए कि बच्चों को कम नहीं आंकना चाहिए, बल्कि इनकी समस्याओं को दूर करने की ओर कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। कार्यक्रम में 300 से अधिक बच्चों और 200 से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान सभी संस्थाओं ने बच्चों के संरक्षण और उनकी मांगों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।