पेसिफिक विश्वविद्यालय के पाॅलिटेक्निक महाविद्यालय के सिविल संकाय के द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्याथियों का प्रौद्योगिक भ्रमण जेके लक्ष्मी पावर मिक्स उदयपुर में हुआ।
पेसिफिक पाॅलिटेक्निक काॅलेज निदेशक डाॅ मुकेश श्रीमाली ने बताया कि प्लांट के सलिल जैन (असिस्टेन्ट मेैनेजर) तथा धमेन्द्र जी चैधरी (असिस्टेन्ट मेैनेजर) ने प्लांट की रूपरेखा तथा कार्यप्रणाली के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कंक्रीट मिक्सर में रेत, गिट्टी, पानी, एड़मिक्सचर तथा सीमेंट को निश्चित अनुपात में मिलाकर बनायी जाती हैं। कंक्रीट मिक्स के लिए इन सभी को निश्चित अनुपात में मशीन (कम्प्यूटराईज्ड) के द्वारा मिलाया जाता हैं। इस प्लांट की मशीन द्वारा एक बार में एक घन मीटर कंक्रीट मिक्सर बनाया जाता हंैं तथा इसके पश्चात् इसे कंक्रीट मिक्स ट्रक के द्वारा जहां आवश्यकता होती हैं वहाँ पहुंचाया जाता हैं। समय-समय पर कंक्रीट क्युब बनाकर उनका परीक्षण भी किया जाता है। कंक्रीट क्युब के परीक्षण के लिए एक मिक्स के तीन क्युब बनाये जाते हंैं तथा उनका परीक्षण सात दिन, चैदह दिन और अठाईस दिन के पश्चात् किया जाता है तथा उनकी कम्प्रैसिव स्टैªन्थ ज्ञात की जाती है। इसे ज्ञात करने के लिए कम्प्रैसिव टेस्टिंग मशीन का उपयोग किया जाता है। धमेन्द्र जी चैधरी ने विद्यार्थियों को एक क्युब की सम्पीड़न साम्थर्य किस प्रकार ज्ञात की जाती हैं उसका परीक्षण कम्प्रैसिव टेस्टिंग मशीन पर करके बताया। जिस सामथ्र्य पर क्युब में अधिक दरारें उत्पन्न हो जाती हैं तथा वह अब भार को सहन नहीं कर सकता हैं उस साम्थर्य पर मशीन खुद-ब-खुद रूक जाती हैं और हमें अधिकतम सम्पीडन साम्थर्य प्राप्त हो जाती है। इसके अलावा कंक्रीट के दूसरे परीक्षणों के बारे में तथा उनके उपकरणों के बारे में भी विद्यार्थियों को अवगत कराया। कैलाश मेघवाल डिप्टी मैनेजर ने विद्यार्थियों को सीमेंट के बारे में जानकारी दी। तथा वर्तमान समय में सीमेंट के उपयोग और प्रकार के बारे में बताया और आने वाले समय मंे जो नई तकनीक की सीमेंट आने वाली हैं उनके बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। इस प्रौद्योगिक भ्रमण के द्वारा विद्यार्थियों ने कंक्रीट मिक्स, उसके परीक्षण तथा सीमेंट की नई तकनीक के बारे मंे जानकारी अर्जित की।