तिमाही के दौरान चांदी एवं सीसा धातु का रिकाॅर्ड उत्पादन
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड ने सोमवार को आयोजित अपनी निदेशक मण्डल की बैठक में 31 दिसम्बर 2018 को समाप्त तीसरी तिमाही व नौःमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की।
‘हिन्दुस्तान
जिं़क के चेयरमैन अग्निवेष अग्रवाल ने कहा कि मुझे यह बताते हुए अति
प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष के दौरान भूमिगत खदानों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
रहा है। जैसा कि हमारी चालू परियोजनाएं पूरी हो रही है तथा आने वाली
तिमाहियों में 1.2 मिलियन मैट्रिक टन प्रति वर्ष खनित धातु उत्पादन क्षमता
के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। चांदी उत्पादन में प्र्याप्त
वृद्धि से मुझे बेहद खुशी है जो अगले वर्ष में भी जारी रहने की संभावना
है।’’
नौःमाही के दौरान खनित धातु का उत्पादन 691,000 टन हुआ है जो गतवर्ष की समान अवधि की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक है।
तीसरी
तिमाही में एकीकृत धातु का उत्पादन 242,000 टन हुआ है जो पिछली तिमाही की
तुलना में 14 प्रतिषत अधिक है। इस तिमाही के दौरान खनित धातु में
जस्ता-सीसा की उपलब्धता सर्वाधिक होने से सकारात्मक उत्पादन रहा है। एकीकृत
जस्ता का उत्पादन 188,000 टन हुआ है जो पिछली तिमाही की तुलना में 16
प्रतिशत अधिक है। एकीकृत सीसा उत्पादन में 10 की वृद्धि हुई है। तिमाह के
दौरान एकीकृत चांदी का रिकाॅर्ड 178 मैट्रिक टन उत्पादन हुआ है जो गतवर्ष
की समान अवधि की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है।
नौःमाही के दौरान
एकीकृत सीसा एवं चांदी का उत्पादन गतवर्ष की तुलना में क्रमशः 23 प्रतिशत
एवं 26 प्रतिशत अधिक रहा है जो खनित धातु की उपलब्धता के अनुरूप रहा है।
कंपनी
ने तीसरी तिमाही के दौरान 5,540 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है।
कंपनी ने तीसरी तिमाही के दौरान 2,211 करोड़ रुपये का श्ुाद्ध लाभ अर्जित
किया है जो चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में 22 प्रतिशत
अधिक तथा गतवर्ष की समान अवधि की तुलना में 4 प्रतिशत कम है।
उत्पादन परिदृश्य के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019 में भूमिगत खदानों के विकास से खनित धातु का उत्पादन अधिक होने की संभावना है।
घोषित
खनन परियोजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2020 तक 1.2 मिलियन टन प्रति वर्ष
खनित धातु उत्पादान क्षमता होने के अनुरूप कार्य प्रगति पर है।
तिमाही
के दौरान सिन्देसर खुर्द खदान का 5.87 किलोमीटर विकास किया गया है।
सिन्देसर खुर्द खदान का 1.5 मिलियन टन मिल बनाने का कार्य पूर्ण हो गया है
तथा वित्तीय वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में उत्पादन भी प्रारंभ होने की
संभावना है।
रामपुरा-आगुचा भूमिगत खदान ने तिमाही के दौरान 6.94
किलोमीटर की रिकाॅर्ड खदान का विकास किया है। अक्टूबर 2018 में मिड शाफ्ट
लोडिंग सिस्टम के चालू होने से रामपुरा-आगुचा भूमिगत खदान से अयस्क उत्पादन
होगा। पूर्ण शाफ्ट कमीशनिंग एवं क्रशर एवं कन्वेयर सिस्टम का कार्य
वित्तीय वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में पूरा होने की संभावना है।
जावर में 2.0 एमटीपीए की नई मिल का कार्य वित्तीय वर्ष की चालू तिमाही में पूरा होने की संभावना है।
चंदरिया
में फ्यूमर प्रोजेक्ट का कार्य चालू तिमाही में पूरा होने की संभावना है।
अपै्रल 2018 में घोषित 1.2 से 1.35 एमटीपीए खनन धातु क्षमता के विस्तार के
अगले चरण की योजना पर कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।