आपरेषन में मरीज के पेट से निकाली 500 से ज्यादा अण्डे के आकार की हाइडिटिड सिस्ट
उदयपुर। सामाजिक सरोकारो के निर्वहन के लिए स्थापित भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल काॅलेज एण्ड हाॅस्पीटल में पैरासाइट के अण्डों से उत्पन्न होने वाली बीमारी का सफल आॅपरेशन किया गया। इस आॅपरेशन को अंजाम दिया डाॅ. केसी ब्यास, डाॅ. गौरव वधावन, डाॅ. धवल शर्मा डाॅ. प्रकाश औदिच्य एवं अजय चैधरी की टीम ने।
सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. केसी ब्यास ने बताया कि गोगुन्दा निवासी 58 बर्षीय मोहनलाल मोगारिया पिछले कई महिनो से पेट दर्द के साथ साथ पेट फूलने को लेकर परेशान था। मोहनलाल ने इस बीमारी को कई जगह दिखाया लेकिन मॅहगे इलाज के चलते वह अपना इलाज कराने में असहाय थे। जब मोहनलाल के परिजनो ने इसे पीएमसीएच में डाॅ.के.सी.ब्यास को दिखाया तो जाॅच करने पर मोहनलाल को हाइडिटिड सिस्ट नामक बीमारी पायी गई जिसका की आॅपेरषन द्वारा ही इलाज सम्भव था। डाॅ.ब्यास, डाॅ.गौरव वधावन, डाॅ.धवल शर्मा ने जब इस मरीज का आॅपरेशन किया तो मोहन के पेट में ऐसी कोई भी जगह नही थी जहाॅ पर अण्डे न हो। मरीज के पेट से लगभग 500 से ज्यादा अण्डे के आकार की हाइडिटिड सिस्ट के साथ-साथ लगभग 3 लीटर पानी भरा हुआ था। अलग-अलग रूप एवं आकार की सिस्ट जिसे हाइडिटिड सिस्ट कहते हैं आतो के बीच, पेशाब की थैली, तिल्ली के पास, पित्त की थैली के पास आदि जगहो पर थी।
डाॅ. गौरव वधावन ने बताया कि एक दो हाइडिटिड सिस्ट का लीवर अथवा फेफडे में होना अक्सर देखा जाता है लेकिन जिस प्रकार से 500 से ज्यादा हाइडिटिड सिस्ट पूरे पेट में समाई हुई थी मानो ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे किसी भगोने जैसे पात्र में अण्डें भरें हो। मोहनलाल मोगारिया अब पूरी तरह से स्वथ्य हैं।
डाॅ. धवल षर्मा ने बताया कि शरीर के अन्दर पाए जाने वाली हाइडिटिड सिस्ट एक बिशेश पैरासाइट का अण्डा होता हैं जिसके उपर कवच चढा होता हैं और यह अण्डा शरीर के जिस भी अंग में पहुॅचता है वहाॅ धीरे-धीरे आकार में बडा होना शुरू हो जाता हैं। इस सिस्ट का सबसे प्रिय निवास स्थान या तो फेफडा होता है या फिर लिवर। अण्डो को जन्म देने वाले वाले पैरासाइट का नाम इकाइनोकोकस ग्रनुलोसस होता है और यह मनुश्य के शरीर में न होके कुत्ते, लोमडी, गाय, भैस, बकरी, भेड, घोडा आदि के आॅतो में रहता हैं। यह बीमारी इन जानवरो के ज्यादा सम्पर्क में रहने एवं साफ सफाई न रखने के कारण फैलती हैं। मोहनलाल मोगारिया का भामाषाह योजना के अन्र्तगत निषुल्क आॅपरेषन किया गया।