प्राथ्मिक नेत्र चिकित्सा सेवा पर राष्ट्रीय कार्यशाला
उदयपुर। आज भी गांवों में पर्याप्त पैरामेडिकल स्टाॅफ नहीं होने के कारण गांवो में नेत्र रोगियों को समय पर जानकारी एवं इलाज नहीं मिल पाने के कारण अन्धता निवारण में वृद्धि नहीं हो पा रही है। यदि गांवों में नेत्र रोगियों को प्राथमिक चिकित्सा सेवा समय पर मिलें तो अन्धता में निश्चित रूप से कमी आयेगी।
देश में अन्धता निवारण में सक्रिय द राईट टू साईट-इण्डिया से जुड़े अलख नयन मंदिर में आज से प्राथमिक आई केयर सर्विस विषय पर प्रारम्भ हुई राष्ट्रीय कार्यशाला के प्रथम दिन उपरोक्त निष्कर्ष सामनें आया। इस कार्यशाला में देश भर से 50 नेत्र चिकित्सक भाग लेकर पैरामेडिकल स्टाॅफ के लिये ट्रेनिंग पर जोर दे रहे है ताकि कम से कम गांवो में अन्धता निवारण तेजी आये।
कार्यशाला के प्रथम दिन मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेने दिल्ली के एम्स स्थित आरपी सेन्टर के कम्यूनिटी आॅप्थोमोलोजी हेड डाॅ. प्रवीण वशिष्ठ ने कहा कि यदि हम प्राथमिक नेत्र चिकित्सा को देश की मुख्य धारा से जोड़ कर नेत्र सुविधाओं को बेहतर बनाने पर बल देते हुए कहा कि यदि हम इस दिशा में कदम बढ़ाते है तो वह दिन दूर नहीं जब देश पूर्ण रूप से अन्धतामुक्त हो जायेगा।
हैदराबाद से आये सीनियर प्रोग्राम मेनेजर भारत-नेपाल के श्यामअंता ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक स्तर पर चलायी जा रही संसथा विजन2020 राईट टू साईट इण्डिया के इस देश में विजन 2020 अंधता निवरण पर 95 प्रोजेक्ट चल रहे है। यदि हम उन प्रोजेक्ट से मिल रही सफलताओं को अवलोकन कर उनकांे हमारंे क्षेत्र में लागू करते तो निश्चित रूप से अपेक्षाकृत अंधता निवरण में अधिक सफलता मिलेगी। इस अवसर पर उन्होंने अलख नयन मंदिर के भी इस संस्था से जुड़ कर संभाग के गांवो में अंधता निवारण पर किये जा रहे कार्यो की सराहना की।
कार्यशाला में अलख नयन मंदिर के निदेशक डाॅ. एल.एस.झाला ने कहा कि मोंतियाबिंद आॅपरेशन में समय के साथ आयें बदलावों एंव नवीनताओं के साथ अलख नयन मंदिर द्वारा इस क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी दी।
अलख नयन मंदिर की निदेशक लक्ष्मी झाला ने कहा कि ने कहा कि देश में मांग की तुलना पैरामेडिकल स्टाॅफ की कमी बहुत अधिक है। यदि इनकी भर्ती कर उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाये तो देश में अंधता निवरण मंे तेजी आ सकती है। कार्यशाला को विजन 2020 प्रोग्राम मेनेजर मृणाल राय मिनाक्षी चुण्डावत डाॅ. नितिश ने भी संबोधित किया।