अभियंता दिवस पर पेसिफिक में कार्यक्रम
उदयपुर। फेकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग, पेसिफिक यूनिवर्सिटी में देश के प्रसिद्द इंजीनियर एवं भारत रत्न इंजी. मोक्षगुंडम विश्वेश्रैया के जन्मदिवस को अभियंता दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाया गया | अध्यक्षता संस्था निदेशक पियूष जवेरिया ने की। समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि सोहनसिंह राठौड़ जनरल मैनेजर, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, इंजी. केज़ार अली, जनरल मैनेजर वंडर सीमेंट, अनुरोध प्रशांत, चेयरमैन, इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स एवं वायके बोलिया, सेक्रेट्री इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंजीनियर्स थे। समारोह का उद्देश्य विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में होने वाले नित नए परिवर्तनों से अवगत करना था। इसलिए कार्यक्रम का विषय भी “इंजीनियरिंग फॉर चेंज” रखा गया।
संस्था निदेशक ने विद्यार्थियों को जागरूक करते हुए बताया कि जिस तरह वर्तमान समय में हर तरफ परिवर्तन का दौर चल रहा है, हमें भी इंजीनियर्स होने के नाते हर चीज के साथ परिवर्तन को समझने की कोशिश कर नए नए आयाम को खोजने में लगे रहना चाहिए।
राठौड ने माइनिंग के क्षेत्र में होने वाले नित नए परिवर्तनों को इंजीनियरिंग के साथ जोड़ने तथा पर्यावरण सामंजस्य बनाये रखने के लिए अपील की। मुख्य अतिथि ने माइनिंग के क्षेत्र में मुख्य रूप से प्रयोग में लिए जाने वाले तीन तरीको, सबलेवेल मेथड, सबलेवेल केविंग मेथड और ब्लॉक केविंग मेथड की जानकारी दी। साथ ही विद्यार्थियों वो अपने जीवन में तीन चीजों को आत्मसात करने को प्रेरित किया। ग्रीन ट्रांसपोर्ट को वर्तमान समय में मुख्य ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में उपयोग में लेने की बात पर जोर देते हुए नैनो टेक्नोलॉजी, साइबर क्राइम, रोबोटिक्स, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसे नए नए तकनीकों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आई, एप्टीटुड और ऐटिट्यूड में सामंजस्य बना कर हमें एक टीम की तरह काम करना चाहिए।
केज़ार अली ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इंजीनियर्स को आमंत्रित किया कि वो विभिन्न इंडस्ट्रीज से निकलने वाले अपशिष्टों को हटाने के लिए नए नए टेक्नोलॉजी को उपयोग में ले। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाये की पर्यावरण को इससे कोई नुकसान न पहुंचे। इनका मुख्य उद्देश्य सभी नदियों को जोड़कर देश में पानी की समस्या का पूर्ण रूप से निवारण करना है। देश के विभिन्न हिस्सों में कहीं बाद तो कहीं सूखे जैसी समस्या से निपटने के लिए नदियों को जोड़ा जाना महत्वपूर्ण है। इससे सिंचाई, संचार, रोज़गार और शक्ति के क्षेत्र में हमारे देश को बहुत फायदा हो सकता है। इसको पूरा करने के लिए तरह तरह के इंजीनियरिंग आयामों को उपयोग में लेना और इंजीनियर्स को देश के विकास के लिए प्रोत्साहित करना है।
अनुरोध प्रशांत ने सभी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सभी में इतनी क्षमता है कि वो अपने ज्ञान और शिक्षा के दम पर हर तरह के परिवर्तन को लाने और उसमे सामंज्ष्य बनाये रखने में सक्षम है। इस दिशा में बढ़ने के लिए विद्यार्थियों को अपने आप को समय के अनुसार ढलने की जरुरत है। अगर विद्यार्थी समय की मांग अनुसार खुद को परिवर्तित नहीं करता है तो आज के समय में उसके ज्ञान का कोई उपयोग नहीं है। अपने आप को मल्टीडिस्कप्लिनरी बनाकर और सभी तरह के इंजीनियरिंग ज्ञान में सामंजस्य बना कर, सस्ते, छोटे, और नयी तकनीकों के माध्यम से हम अपने आप को वर्तमान समय में इंडस्ट्री अनुरूप ढाल सकते है। हर इंजीनियर को अपने अंदर उन क्षमताओं का विकास करना चाहिए जिस से इंडस्ट्री आपकी काबिलियत को समझे। सभी ने मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम को सही और सुचारु बनाने के लिए जोर देते हुए अपनी स्किल को डेवलप करने की बात कही।
संस्था निदेशक ने सभी इंजीनियरिंग फैकल्टी की और से समारोह में उपस्थित सभी मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया। संचालन आकांक्षा कौशिक ने किया। कार्यक्रम सयोंजक अंकिता भार्गव ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।