उदयपुर। उदयपुर के भूमि व्यवसायियों ने बिल्डर एसोसिएशन के माध्यम से उच्च न्यायालय के रेती दोहन पर लगाई गई रोक को लेकर सरकारी नीतियों को गलत बताया है। साथ ही 16 अप्रेल तक न्यायोचित निर्णय नहीं आने पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा की।
एसोसिएशन के संरक्षक श्याम बी. गुप्ता ने कहा कि भवन निर्माण का काम ठप हो जाएगा वहीं इस उद्योग में कार्यरत लाखों लोगों पर रोजी-रोटी का संकट हो जाएगा। भवन निर्माता ब्याज के बोझ से लद जाएंगे वहीं समय पर ग्राहकों को भवन, फ्लैट्स उपलब्ध नहीं करवा पाएंगे जिससे उनकी गुडविल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। प्रोजेक्ट्स में देरी से अगले प्रोजेक्ट्स में देरी होगी जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ेगा।
उल्ले खनीय है कि नदियों को बचाने के लिहाज से उच्चअ न्यांयालय ने रेती दोहन पर रोक लगा दी थी। इस पर शहर के नियोजित विकास में कथित रूप से बाधक बनने वाले शहर के प्रमुख भू-माफियाओं ने उदयपुर बिल्डर एसोसिएशन के नाम से गठित संगठन के बैनर तले सरकार की नीतियों को गलत बताते हुए गुहार की कि इससे रोजी-रोटी का संकट हो जाएगा।
पत्रकार वार्ता में इस एसोसिएशन में भूमि दलालों के समावेश होने के प्रश्न पर सभी चुप्पी साध गए। उदयपुर शहर के सबसे बड़े भू-व्यवसायी एवं बिल्डर एसोसिएशन के महासचिव शांतिलाल जैन एवं अध्यक्ष लोकेश चौधरी दो-तीन दिन में मुख्यमंत्री से भेंट कर ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे और हाईकोर्ट की इस रोक को हटवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अनुरोध करेंगे।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर में 500 से अधिक भवन निर्माण होने के बावजूद बिल्डर एसोसिएशन में भाजपा विचारधारा के लगभग 50 भवन निर्माताओं ने संगठित होकर रेती पर लगी हाईकोर्ट की रोक हटाने की मांग की है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश चौधरी, महासचिव शांतिलाल जैन, संरक्षक शांतिलाल मेहता, संजय गुप्ता, दिनेश कोठारी, नरेश बूला, उपाध्यक्ष राजेश शाह आदि मौजूद थे।