उदयपुर। इंस्टीट्यूट ऑफ राजस्थान स्टडीज-साहित्य संस्थान, जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड) विश्वविद्यालय, उदयपुर द्वारा ‘‘धरोहर दिवस’’ पर 18 अप्रेल को सुबह 9.30 बजे एक संगोष्ठी होगी। इसमें पुरातात्विक, सांस्कृतिक, पर्यावरण धरोहर पर विषय निष्णात द्वारा व्याख्यान होंगे, धरोहर को कैसे सुरक्षित रखा जाए इस पर खुली चर्चा होगी तथा ठोस उपायों को क्रियान्वित करने हेतु मसौदा तैयार किया जाएगा, जो अन्तत: सरकार को भेजा जाएगा।
संस्थान की ओर से गत वर्षों में हरियाणा, राजस्थान, गुजरात आदि क्षेत्रों से संकलित अथवा पुरातात्विक उत्खननों द्वारा खोजी गई पांच हजार से अधिक वस्तुओं का सूचीकरण निम्मा परियोजना के तहत कर लिया गया है। यह कार्य भारत सरकार की एक वृहद परियोजना का हिस्सा है। राजस्थान में केवल विद्यापीठ में ही इस परियोजना पर कार्य हो रहा है। शीघ्र ही परियोजना में सूचीबद्ध वस्तुओं की फोटोमय विस्तृत जानकारी पुरातत्व विभाग, भारत सरकार के तथा विद्यापीठ के वेब पेज पर देखी जा सकेगी।
संगोष्ठी के दौरान सभी प्रतिभागी इस पांच हजार पृष्ठों की धरोहर की विवरणिका तथा पुरातात्विक वस्तुओं की प्रदर्शनी का अवलोकन कर सकेगें। कार्यक्रम के अन्त में कानमेर उत्खनन की रिपोर्ट का लोकार्पण होगा। राजस्थान के किसी भी विश्वविद्यालय एवं पुरातत्व विभाग की यह पहली अन्तर्राष्ट्रीय रिपोर्ट है। कानमेर का उत्खनन विद्यापीठ के नेतृत्व में गुजरात राज्य पुरातत्व विभाग एवं रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमिनिटी एण्ड नेचर, क्योतो, जापान के तत्वावधान में वर्ष 2005 से 2009 के बीच हुआ था।