शीघ्र रिलीज होने वाली लव आजकल-2 सहित पिछले 3 दशकों से कर रहा है फिल्म प्रोडक्शन में केटरिंग का कार्य
उदयपुर। फिल्म प्रोडक्शन की रंगीन दुनिया में केटरिंग एक महत्वपूर्ण विभाग माना जाता है। उसमें लेकसिटी के माधवानी परिवार की केटरिंग फर्म का ऐसा जादू छाया है की हॉलीवुड हो या बॉलीवुड तमाम लाइन प्रोड्यूसर इनके हाथ के बने भोजन को ही तवज्जो देते है।
अशोका कैटरर्स के अशोक माधवानी ने बताया की पहली बार 1980 में हॉलीवुड फिल्म गांधी की शूटिंग के दौरान प्रोडक्शन से जुड़े कुछ 10-15 लोगों के लिए भोजन उपलब्ध करवाने से हई शुरुआत आज दो सौ से भी ज्यादा बॉलीवुड एवं हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स तक जारी है। माधवानी बताते है कि पहले वे रेलवे स्टेशन पर चाय-नाश्ता बेचते थे। गाँधी फिल्म के भारतीय प्रोडक्शन से जुड़े लोगों को उनका भोजन का स्वाद पसंद आया की धीरे-धीरे वे पंद्रह सौ लोगों को अपने हाथ का बना भोजन उपलब्ध करवानंे लगे। उस दौर में माधवानी ने ऑक्टोपसी, डिसिवर्स, समेत कई मशहूर फिल्मों में केटरिंग का कार्य किया।
बॉलीवुड में पहली बार उन्हें मशहूर फिल्म जोधा-अकबर में कॉन्ट्रेक्ट मिला था, जब पूर्व का ठेकेदार एन वक्त पर भाग खड़ा हुआ था। माधवानी बताते है की जब फिल्म जोधा-अकबर में युद्ध का दृश्य फिल्माया जाना था तब पूर्व निर्धारित कैटरिंग ठेकेदार करीब तीन हजार लोगों हेतु भोजन बनाने में असमर्थता जताई, ऐसे में आनन-फानन में मुझे उदयपुर बुलावा भेजा गया और हमारी टीम ने वहां सफलतापूर्वक कार्य किया। अशोक माधवानी के साथ उनके तीनों पुत्र भी इस व्यवसाय में उनका सहयोग करते है। फिल्म धड़क, जवीनी- ये दिवानी, राम लीला, पीके, बादशाहों, धमाल, चलो इश्क लड़ायें, सहित सैकड़ों फिल्मों व राखी व राहुल का स्वयंर जैसे सीरियल में भी कैटरिंग का कार्य किया था।
निर्माताओं एवं अभिनेताओं के पसंदीदा व्यंजनों का रखते है विशेष ख्याल-माधवानी के अनुसार उनकी फर्म की खासियत ही यही है की वे शूटिंग के दौरान निर्माताओं एवं अभिनेताओं के पसंदीदा व्यंजनों का भी विशेष ध्यान रखते है। फिल्म प्रेम रतन धन पायो की शूटिंग के दौरान उन्होंने अभिनेता सलमान खान हेतु उनकी पसंद के विशेष व्यंजन बनाए। वहीं निर्माता निर्देशक राजकुमार हिरानी हेतु भी विशेष सिंधी पकवान बनाए गए थे जिसकी तारीफ स्वंय हिरानी ने की थी।
हर यूनिट का होता है अपना टेस्ट-
अशोका कैटरर्स के मैनेजर मुकेश माधवानी बताते है कि प्रोडक्शन से जुड़ी हर यूनिट का क्षेत्र के हिसाब से अपना एक टेस्ट होता होता है। उसका भी हमें विशेष ख्याल रखना होता है। जैसे दक्षिण भारत के शूटिंग लोकेशन पर वहाँ के स्वादानुसार भोजन तैयार करना होता है, वहीं उदयपुर में या राजस्थान के अन्य लोकेशन पर यहां के स्वादानुसार व्यंजन तैयार किये जाते है।
आम कैटरिंग से अलग है फिल्म प्रोडक्शन की कैटरिंग-फिल्म प्रोडक्शन से जुड़ी कैटरिंग सामान्य कैटरिंग की तुलना में काफी भिन्न होती है, क्योंकि शूटिंग का समय दृश्य के अनुसार अलग-अलग होता है। कई बार प्रातः अलसुबह भी भोजन उपलब्ध करवाना पड़ता है। कई बार देर रात को भोजन उपलब्ध करवाना पड़ता है। ऐसे में सभी आवश्यकताओं को देखते हुए भोजन की गुणवत्ता आदि का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है।
देशभर से लेते हैं कॉन्ट्रैक्ट्स-
अपने बेहतरीन स्वाद और गुणवत्ता के चलते अशोका कैटरर्स को देशभर से कॉन्ट्रैक्ट मिलते है। माधवानी के अनुसार उन्हें दक्षिण भारत, पंजाब, उत्तराखंड समेत देश के तमाम हिस्सो से बुलावा आता है तथा वे जहां भी जाते है अपने हाथों के स्वाद का जादू छोड़ आते है।