”कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ स्तम्भ“ पर पेसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा वेबिनार का गुरुवार को आयोजन किया गया। भारत एक कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है। कृषि द्वारा लगभग 65 प्रतिशत रोजगार भारत में मिल रहे है।
कृषि एवं इससे संबंधित गतिविधियां 27 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पादन (जी.डी.पी.) में योगदान देती है। कृषि द्वारा गैर कृषि क्षेत्र को कच्चे सामानों की थोक आपूर्ति की जाती है। कई कुटीर उद्योगों का संचालन कृषि पर निर्भर करता है। देश में निर्यात के क्षेत्र में कृषि का 10 प्रतिशत हिस्सा है। अपने सार गर्भित मुख्य संबोधन में प्रो. एस.आर.मालू, पेसिफिक कृषि महाविद्यालय ने बताया कि वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था एक गहरे संकट की ओर बढ़ रही है। निसर्ग, अम्फान, टिड्डी, लाॅकडाउन व कोविड-19 के संकट से बेरोजगारी का भीषण संकट है, ऐसे में भारत के पास कृषि ही एकमात्र ऐसा हथियार है जिसे अनेक तरीको से बढ़ाकर आर्थिक प्रगति हासिल की जा सकती है।
वेबिनार में भाग लेते हुये प्रो. रमनजिनी गौंड़ा, कृषि विश्वविद्यालय, बैंगलोर ने कृषि क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी के योगदान पर चर्चा की। प्रो. जी.एल. शर्मा पेसिफिक कृषि महाविद्यालय ने जैविक उत्पाद तकनिक द्वारा किसानो को आर्थिक लाभ अर्जित करने के तरीके सुझायें। कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 612 वैज्ञानिक एवं छात्रों ने भाग लिया। डाॅ. अमीन सिद्दीकी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।