फेकल्टी आफ मैनेजमेंट, पेसिफिक यूनिवरसिटी में दो दिवसीय ग्यारहवीं आनलाईन अन्तराष्ट्रीय सेमिनार का 9 सितम्बर 2020 को शुभारंभ हुआ। कांफ्रेंस डायरेक्टर फैकल्टी आफ मैनेजमेंट की डीन प्रो. महिमा बिड़ला ने बताया की उत्तर भारत का प्रमुख अग्रणी शिक्षण संस्थान होने के कारण पेसिफिक विश्वविद्यालय समसामायिक विषयों पर विभिन्न आयोजनों के प्रति सदा जागरूक और सजग रहा है एवं आनलाईन मोड में आयोजित किया गया है जिसमें देश के 19 राज्यों एवं मलेशिया, मेक्सिको, बांग्लादेश, यूके, नेपाल आदि विदेश की विभिन्न विश्वविद्यालयों के लगभग 163 शोधार्थी अपने शोधपत्रों का वाचन किया। सम्मेलन के लिए कुल 250 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है।
प्रारम्भिक सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. बी.पी. शर्मा सा., कुलपति गौतम बुद्धा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएड़ा ने बदलते परिवेश में अपने आपको साबित करने पर जोर दिया एवं हम अपने देश एवं इंस्टीट्यूट के प्रति कर्तव्य निष्ठ होकर अपने देश के भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में उपलब्ध असीमित क्षमताओं को पूरा करने के लिए छोटे परंतु कारगर कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जैसे कि यदि खिलौना उद्योग में भारत अपनी पकड़ बनाता है तो उसके साथ प्लास्टिक उद्योग, तांबा उद्योग तथा इलेक्ट्रानिक्स उद्योग में बहुत सारी विकास की संभावनाएं उत्पन्न होती है।
सत्र के गेस्ट आॅफ आॅनर अभिलाश मिश्रा, सीईओ, एन.एस.ई. एकेडमी जो कि सम्मेलन का नाॅलेज पार्टनर भी है। अभिलाष मिश्रा ने वित्तीय प्रबंधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा डाटा एनालिटिक्स की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने यह भी बताया कि नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज एकेडमी जो देश की नंबर एक नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज की सहायक कंपनी है, उसने पिछले 25 सालों में अपनी तकनीकी विकास किया है, भली भांति तरह से अपग्रेड तथा एडवांस किया ताकि वह वैश्विक जगत मंे वह भारत को भलीभांति प्रकार से रिप्रेजेंट कर सके। सत्र के मुख्य वक्ता डाॅ. परमशाह, निदेशक फीक्की (युके) ने आज के वैश्विक युग में टेक्नोलाॅजी की आवश्यकता तथा उसके द्वारा किस प्रकार से हम अलग-अलग क्षेत्रों में एक साथ आगे बढ़ सकते हैं इस पर जोर दिया। टेक्नोलाॅजी ने पूरी दुनियां को आपस में पूरी तरह से जोड़ दिया है इसी तरह सारी इंडस्ट्रीज भी एक दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर है तो हम किस तरह से भारत में रिसर्च एंड डेवलपमेंट व सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल विनिर्माण क्षेत्र को अग्रण पंक्ति में लाएं ताकि दूसरे उद्योगों को भी साथ-साथ में आगे बढ़ने का पूरा मौका मिले।
दो दिवसीय सेमिनार में विभिन्न तकनीकी सत्रों के मुख्यवक्ता एवं अध्यक्ष प्रो. जसवीन कौर गुरू नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर, प्रो. उत्तम किनानो, कर्नाटका विश्वविद्यालय, प्रो. अमरेन्द्र पानी (डायरेक्टर, रिसर्च ए.आई.यू) डा. दीक्षा दवे, इग्नु विश्वविद्यालय, प्रो. कृष्ण अवतार गोयल, जौधपुर विश्वविद्यालय, प्रो. संजीव टण्डन (आई.टी.एस) गाजियाबाद, प्रो. तनवी ठक्कर वेलिंगकर इंन्स्टीट्युट, मुम्बई, प्रो. एन.के. दशोरा, प्रो. के. के. दवे, प्रो. मेघना छाबड़ा, डा. आर.के. सिंह, डा. एम.वी.एस. मूर्ति, डाॅ. संध्या तिवारी, अभिषेक दवे आदि ने सेमिनार के विभिन्न विषयों पर प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया एवं विभन्न क्षेत्रों के उभरते हुए मुद्दों पर अपने व्याख्यान प्रेषित किए।
आयोजक सचिव डाॅ. पुष्पकांत शाकद्विपी ने जानकारी देते हुए बताया कि सम्मेलन में दो दिनों तक दस टेक्निकल सत्रों में 163 शोधपत्रों का वाचन हुआ जो कि विपणन, अर्थव्यवस्था, सामाजिक एवं मानव संसाधन क्षेत्र के विभिन्न समसामायिक विषयों पर केन्द्रित थे।
डाॅ पल्लवी मेहता कनवीनर अंतराष्ट्रीय सम्मेलन ने सभी अतिथियों एवं शोधार्थीयों को इस नए दौर की संगोष्ठी में जुड़ने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के द्वारा गत वर्षों में आयोजित विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार एवं संगोष्ठी की जानकारी देते हुए निरन्तर इस कड़ी को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया एवं प्रतिभागियों को उनके पत्र वाचन पर बधाई दी। यह सेमिनार स्वयं तकनीकि कौशल का एक ज्वलंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डाॅ. खुशबु अग्रवाल ने किया।