पेसिफिक के विद्यार्थियों ने वेबिनार में सीखे सफलता के मंत्र
“कर हर मैदान फतह” विषय पर पेसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडीज द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत मुख्य वक्ता ख्यातनाम मैनेजमेंट गुरु तथा वल्र्ड बुक आॅफ रिकाॅर्ड द्वारा प्राइड आॅफ इंडिया से सम्मानित इंदौर के विश्वास वैष्णव ने कहा कि जब भी हमें कोई नया व अच्छा विचार आए तो उस पर मंथन करना चाहिए उसकी कद्र करनी चाहिए और उसे अव्यवहारिक समझकर त्यागने के बजाय निष्पादन करना चाहिए। कितना भी ज्ञान हम प्राप्त करें वह तभी सार्थक होगा जबकि उसका क्रियान्वयन किया जाए। क्रिया बिना ज्ञान भार के समान है यह बताते हुए उन्होंने शिक्षा के सिद्धांतों को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।
परिचर्चा में भाग लेते हुए प्राचार्य डॉ. अनुराग मेहता ने कहा कि दिमाग से अनावश्यक विचारों को हटाते रहने की जरूरत होती है। व्यक्ति की निराशा, हताशा और उदासी; उमंग-उत्साह और प्रयत्न में तभी परिवर्तित हो सकते हैं जबकि चिंता मुक्त होकर सिर्फ किए जा रहे काम पर एकाग्रता पूर्वक यत्न किए जाएं। जो भी कार्य किया जा रहा है उसे लेकर शंका, शुभा और संदेह न रहे। एक बार ठान लेने के बाद बार-बार उस पर विचार न करें; दृढ़ता पूर्वक बस आगे बढ़े।
विश्वास वैष्णव ने कहा कि राय उन्हीं व्यक्तियों की ले जो कि अपने क्षेत्र में सिद्धस्थ हो अन्यथा आपको फिजूल की राय से निराशा ही हाथ लगेगी। कार्यक्रम का संचालन जाने-माने एंकर और थिएटर आर्टिस्ट ओमपाल ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों की ओर से भी कई प्रश्न विश्वास जी के सम्मुख रखें। सेमिनार में विचार रखते हुए बीबीए, बी.काॅम और बीएजेएमसी के विद्यार्थियों ने इस बात को समझा की अपने साथियों का चयन बहुत सोच समझ कर करना चाहिए और जिस दिशा में वे आगे बढ़ना चाहते हैं उसी से संबंधित सफल व्यक्तियों के बारे में जानना और उनसे वार्ताएं करना उन्हें भी सफलता की ओर ले जा सकता है। सफलता प्राप्त करना मात्र आर्थिक दृष्टिकोण से ही नहीं देखा जाना चाहिए अपितु आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक संतुलन बना रहे तभी सफलता सच्ची सफलता होती है।