पेसिफिक काॅलेज आॅफ फार्मेसी ने मनाया फार्मासिस्ट डे, फार्मावीरों का किया सम्मान
उदयपुर। कोविड 19 जैसे जानलेवा संकट में जब सभी दवाओं पर निर्भर थे, ऐसे मुश्किल समय में मैनेजमेंट आॅफ डग सप्लाई में फार्मासिस्ट का योगदान सराहनीय है और ऐसे मरीज जो मेडिकल तक नहीं आ सकते थे या कोरोना से प्रभावित थे उन्हें डोर टू डोर दवाएं पहुंचाने का जो काम फार्मासिस्ट ने किया वह अतुलनीय है, यह विचार एडिशनल ड्रग कन्ट्रोलर ललित आजरिया ने विश्व फार्मासिस्ट डे पर पेसिफिक काॅलेज आॅफ फार्मेसी में हुए आयोजन में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहे। फार्मासिस्ट के सम्मान में यहां पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने रक्तदान किया तथा फार्मा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाले फार्मावीरों का सम्मान किया गया।
पेसिफिक यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट प्रो. के.के. दवे ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने हमें फार्मा क्षेत्र का महत्व और कार्य दोनों से रूबरू करवा दिया है। जब हम सब अपनी जान की रक्षा के लिए घरों में बंद थे उस वक्त सिर्फ फार्मासिस्ट ही थे जो अपनी जान की परवाह किये बिना हमें दवाएं उपलब्ध करवा रहे थे, हमें इनकी सेवा को सलाम करना चाहिए। फार्मा क्षेत्र में करियर बनाने के लिए देश-विदेश में काफी अवसर हैं और भविष्य में इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं सामने आएंगी।
पेसिफिक काॅलेज आॅफ फार्मेसी के डायेरक्टर डाॅ. जयेश द्विवेदी ने बताया कि फार्मासिस्ट का योगदान मानव सेवा के क्षेत्र में शुरूआत से ही महत्वपूर्ण रहा है। पेसिफिक काॅलेज आॅफ फार्मेसी के छात्र यहां के पढ़ाई के बाद देशभर में विभिन्न स्थानों पर सेवाएं दे रहे हैं। विश्व फार्मासिस्ट डे पर काॅलेज में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया जिसमें यहां के विद्यार्थियों ने 22 यूनिट रक्तदान किया और इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एडीसी ललित आजरिया आरपीसी मेम्बर आलोक भार्गव, एन्टरप्रिन्यौर फार्मासिस्ट विक्रम देवड़ा, सरकारी फार्मासिस्ट विजेन्द्र सिंह राठौड़, फार्मा एक्टिविस्ट डाॅ. सुरेश कुमार देव का फार्मा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने के लिए सम्मान किया गया। पेसिफिक यूनिवर्सिटी में हर साल विश्व फार्मासिस्ट डे पर विविध आयोजन करके विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाया जाता है।