उदयपुर। भारतीय खनन दिवस के अवसर पर देश की अग्रणी खनन कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा जावर ग्रुप ऑफ माइन्स में एमईएआई राजस्थान चैप्टर का समारोह आयाजित किया गया।
भारतीय खनन उद्योग के लिए ईएसजी रणनीति इस वर्ष के भारतीय खनन दिवस का विषय था। इस अवसर पर खनन के वर्तमान परिदृश्य, तकनीकी प्रगति और ईएसजी-आधारित खनन से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों के साथ-साथ संभावित भविष्य के नवाचारों और प्रगति के बारे में चर्चा की गयी।
बी एल कोटरीवाला क्षेत्रीय खान ननयंत्रक भारतीय खान ब्यूरोए हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य प्रचालन अधिकारी प्रवीण शर्मा वाई सी गुप्ता अध्यक्ष एमईएआई राजस्थान चैप्टर एम एस पालीवाल सेक्रटेरी एमईएआई राजस्थान चैप्टर किशोर एस निदेशक जावर माइन हिंदुस्तान जिंक संजय खटोर निदेशक दरीबा हिंदुस्तान जिंक सहित गणमान्य व्यक्तियों ने समारोह की शोभा बढ़ाई।
प्रतिवर्ष 1 नवंबर को मनाये जाने वाले भारतीय खनन दिवस को माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमईएआई) के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस राष्ट्रीय संगठन में 5000 से अधिक सदस्य है जो देश भर में 25 से अधिक क्षेत्रीय अध्यायों में विस्तारित है। इस दिवस पर एमईएआई द्वारा देश के खनिज और खनन क्षेत्र के सभी उद्यमियों का सम्मान कर उन्हें प्रोत्साहित एवं आयोजन को और अधिक सफल बनाने हेतु चर्चा की गई।
इस अवसर पर खनन उद्योग से जुडे़ विशेषज्ञों ने खनन क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं जैसे खनन क्षेत्र में तकनीकी प्रगति के साथ-साथ वर्तमान और भविष्य पर विस्तार से जानकारी दी। भारत में खनन क्षेत्र एक प्रमुख आर्थिक गतिविधि है जो देश के आर्थिक विकास और विकास में योगदान देता है। मेक इन इंडिया अभियान, स्मार्ट सिटी, ग्रामीण बिजली पारेषण और वितरण जैसी योजनाओं और पहलों और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने पर जोर देने के परिणामस्वरूप भारत का धातु और खनन व्यवसाय वर्तमान में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। खनन उद्योग भविश्य के नवाचारों और प्रौद्योगिकियों के लिए संसाधन प्रदान करता है।
एमईएआई ने इस वर्ष थीम के रूप में भारतीय खनन उद्योग में ईएसजी रणनीति थीम को चुना है, जहां धातु और खनन उद्योग पर्यावरण, सामाजिक एवं ईएसजी के मुद्दों और चुनौतियों को प्राथमिकता के रूप में लिया गया हैं। ईएसजी वर्तमान में सभी पर्यावरणीय, सामाजिक और कॉर्पोरेट प्रशासन विषयों को दिशा प्रदान करता है जिसमें खनन व्यवसाय से पृथ्वी, यहां के निवासी और समुदाय को अधिक कुशल व लाभकारी बनाने की क्षमता को विकसित किया जा सके।
एमईएआई राजस्थान चैप्टर को संबोधित करते हुए हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, कि हम जावर माइन्स में एमईएआई राजस्थान चैप्टर की मेजबानी कर स्वर्य को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। हिंदुस्तान जिंक सदैव सर्वोत्तम खनन के लिये सतत प्रयास एवं पद्धति , पर्यावरण सरंक्षण हेतु प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विषय जटिल था, क्योंकि यह पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) मानकों पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर प्रकाश डालता है। खनन उद्योग से जुडी सभी कंपनियों को सस्टेनेबल भविष्य के लिये कंपनियों को ईएसजी मानकों पर मुख्यरूप से ध्यान देना चाहिए जो उनके संचालन, प्रदर्शन और निवेश की संभावनाओं को बढ़ाएंगे।
भारतीय खनन दिवस के अवसर पर श्री ए के कोठारी, पूर्व अध्यक्ष माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन आॅफ इण्डिया ने कहा कि ‘‘ खनन क्षेत्र में ईएसजी को संचालनों एवं सस्टेनेबिलिटी को आधाशिला बनना है और सभी स्तरों को शामिल करना है। मुझे खुशी है कि हिन्दुस्तान जिंक जैसी बड़ी कंपनियां आगे बढ़़ रही है और अपने सभी कार्यों के मूल में स्थिरता ला रही है। यह वास्तव में याद करने का दिन था और मैं राष्ट्र निर्माण में उनके प्रयासों के लिए खनन बिरादरी को सलाम करता हॅ।’’
यह आयोजन हिंदुस्तान जिंक की प्रमुख खदान जावर माइंस में आयोजित किया गया, जो भारत की सबसे पुरानी लेड जिंक खदानों में से एक है, जो 2500 से अधिक वर्षों से चांदी, सीसा और जस्ता खनन का केंद्र है। जावर हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के सबसे पुराने और प्राथमिक जिंक-लीड उत्पादन कार्यों में से एक है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ-इन-क्लास तकनीकी है। जावर माइंस में चार खदानें मोचिया, बलरिया, जावर माला और बरोई है। अपने भंडार और संसाधन आधार में निरंतर वृद्धि के साथ, जावर माइंस हिंदुस्तान जिंक की समृद्ध विरासत का प्रतीक है।