उद्योग की लीडिंग प्रेक्टिसेज के लिए दिया गया पुरस्कार
केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने प्रदान किया पुरस्कार
उदयपुर। देश की सीसा-जस्ता एवं चांदी की प्रमुख उत्पादक हिन्दुस्तान जिंक को इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स इंडिया द्वारा स्थापित आईईआई उद्योग उत्कृष्टता पुरस्कार 2021 प्रदान किया गया हैं। यह पुरस्कार केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया। हिन्दुस्तान जिंक की ओर से एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी हेड प्रदीप सिंह ने पुरस्कार प्राप्त किया।
आईईआई उद्योग उत्कृष्टता पुरस्कार उद्योग जगत की लीडिंग कंपनियों को उनके नवाचार, इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और इस प्रतियोगी माहौल में उत्कृष्टता बनाए रखने के लिए सम्मानित करता है। इंजीनियरिंग, निर्माण और प्रसंस्करण में योगदान देने वाली कंपनियों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
हिन्दुस्तान जिंक को यह पुरस्कार उसके नवाचारों के साथ उद्योग प्रदर्शन में प्रगति, कॉर्पोरेट प्रशासन और सीएसआर गतिविधियों के साथ नई प्रक्रियाओं, प्रतियोगी माहौल को बढ़़ावा देने और समाज के लिए बेहतर करने के प्रयासों के लिए दिया गया। खनन में अभिनव समाधान करने और स्मार्ट प्रौद्योगिकी लागू करने में हिन्दुस्तान जिंक अग्रणी है।
पानी के उपयोग को कम करने, उसे पुनर्चक्रित करने और ताजे पानी के उपयोग को कम करने में विश्वास रखती है ताकि खपत को कम किया जा सके और समाज के उपयोग के लिए अधिकतम पानी उपलब्ध कराया जा सके। 2.41 गुना पॉजीटिव वाटर कंपनी होने के नाते पानी के कुशल प्रबंधन और पुनर्चक्रण के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और ड्राई टेलिंग प्लांट जैसी अत्याधुनिक तकनीक का विकास किया है। कंपनी ने उर्जा संरक्षण के क्षेत्र में भी कई तकनीकी प्रगति की है। देबारी जिंक स्मेल्टर में 3000 केएलडी जीरो लिक्विड डिस्चार्ज आरओ प्लांट की स्थापना उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक है। वेदांता के नियमों में शून्य नुकसान-शन्य अपशिष्ट और शून्य डिस्चार्ज है और हिन्दुस्तान जिंक के कई प्लांट इसका प्रतीक है। संगठन लगातार कम कार्बन, कम उत्सर्जन प्रौद्योगिकी के उपयोग में वृद्धि कर रहा है, अपनी अक्षय उर्जा क्षमता का विस्तार कर रहा है और अपने समग्र जीएचजी उत्सर्जन को कम कर रहा है।