जर्नलिस्म एवं मास कम्युनिकेशन विभाग पेसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा रंगमंच 2022 के अंतर्गत विभिन्न नाटक एवं काव्य पाठ का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बीएजेएमसी की छात्रा अवनी नागर ने मीराबाई पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जिसमें की मीराबाई की भगवान कृष्ण में पूर्ण आस्था और समर्पण को जीवंतता के साथ दर्शाया गया।
मुंशी प्रेमचंद की रचना बड़े भाई साहब का भी मंचन किया गया जिसमें कि अविरल राजपुरोहित ने छोटे भाई तथा आर्यन खान ने बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में खेलों की भूमिका तथा रटने की प्रवृत्ति से दूर रहने की सलाह दी। ज्ञान की सही प्राप्ति के लिए व्यवहारिक रूप से समझ विकसित करना जरूरी है। प्रसिद्ध हास्य धारावाहिक खिचड़ी का भी प्रभावी मंचन किया गया जिसमें ओजस्विनी सिंह ने हंसा के किरदार को बड़े ही मनोरंजक तरीके से निभाया और खूब तालियां बटोरी।
प्रिंसिपल डॉ. अनुराग मेहता के अनुसार विद्यार्थियों में वाक् कौशल तथा भावपूर्ण तरीके से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की कला इस रंगमंच कार्यक्रम के माध्यम से विकसित हुई। फूल और कली कविता के माध्यम से मिताली जैन और अयान ने जीवन में स्वार्थ त्याग कर औरों की मदद करने की सीख दी। उनके द्वारा बताए गए सफलता के मंत्र को सभी ने सराहा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध निर्देशक और रंगकर्मी शिवराज सोनवाल ने विद्यार्थियों को रंगमंच की बारीकियां समझाते हुए वाक्य में कहां पर विराम लेना है और कहां पर किन शब्दों पर कैसे जोर देते हुए अभिव्यक्त करना है और उसका अर्थ पर किस प्रकार प्रभाव पड़ता है यह समझाया।
इस अवसर पर पेसिफिक यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट प्रो. के. के. दवे ने विद्यार्थियों को इसी प्रकार उत्साहपूर्वक रंगमंच की गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया और विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को इस प्रकार के रंगमंच आयोजन का प्रस्ताव रखा जिससे कि विद्यार्थियों में पढ़ने के साथ-साथ समूह भावना भी विकसित हो, उनमें भाषा संबंधी परिपक्वता आए और आत्मविश्वास बढ़े।
बीबीए ग्लोबल बिजनेस मैनेजमेंट के छात्र चंद्रप्रकाश माधवानी ने मर्द क्यों रोते नहीं कविता का भावपूर्ण वाचन किया और एक जिम्मेदार पुरुष किस प्रकार जीवन में विविध आयामों पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता है यह बताया। कार्यक्रम के दौरान मां तथा क्या तुम्हें वह मिली जैसी साहित्यिक और प्रसिद्ध रचनाओं पर भी प्रस्तुति दी गई। राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता रश्मिरथी पर भी नृत्य मंचन हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रो. कृति सिंघवी ने किया।