हिन्दुस्तान जिंक के आतिथ्य में आयोजित देश की सबसे बडी अखिल भारतीय खान बचाव प्रतियोगिता का समापन, माइन रेस्क्यू के प्रशिक्षण के लिये देश की पहली रेस्क्यू टेंªड महिला इंजीनियर, प्रशिक्षु सम्मानित
हिन्दुस्तान जिंक, राजपुरा दरीबा काम्प्लेक्स में महानिदेशालय खान एवं बचाव के निर्देशन में आयोजित 5 दिवसीय 51वें अखिल भारतीय खान बचाव प्रतियोगिता का समापन शुक्रवार को प्रभात कुमार, महानिदेशक खान एवं सुरक्षा, महा निदेशालय, धनबाद के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर आरटी मांडेकर उपमहानिदेशक खान एवं सुरक्षा, निदेशालय उदयपुर, बीपी सिंह, निदेशक खान एवं सुरक्षा निदेशालय, नागपुर हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा, हिन्दुस्तान जिं़क के हेड सीओई प्रवीण शर्मा एवं दरीबा खान मजदूर संघ के महामंत्री कल्याण सिंह उपस्थित थे।
हिन्दुस्तान जिं़क के आतिथ्य में आयोजित देश की बसे बडी अखिल भारतीय खान एवं बचाव प्रतियोगिता में पहली बार सर्वाधिक टीमों ने भाग लिया, पहली बार माइन रेस्क्यू के प्रशिक्षण के लिये देश की पहली माइनिंग इंजिनियर महिला प्रशिक्षु को सम्मानित करने के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अंडर ग्राउण्ड माइन रेस्क्यू रिले रेस का आयोजन किया गया।
हिन्दुस्तान ज़िंक की राजपुरा दरीबा काॅम्प्लेक्स में आयोजित कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रभात कुमार ने कहा कि ‘‘ खान एवं खान के बाहर सुरक्षा के लिये प्राथमिकता से ही देश का विकास संभव है। यह हमारा सतत् प्रयास है जो हमारे माईन आनर्स है, माईन आॅपरेटर्स है उन्हें सुरक्षा के प्रति सदैव जागरूक करें। हिन्दुस्तान जिं़़क ने सुरक्षा एवं संचालन के लिये सराहनीय प्रयास किये है। छोटी खदानों में भी सुरक्षा की भावना आई है लोगों में जागरूकता बढ़ी हैं सभी वर्कर्स जागरूक हुए हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी कमी है हम लोग जागरूकता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। 51 वें अखिल भारतीय खान एवं बचाव प्रतियोगिता का आयोजन इसी का प्रयास है। हम लगातार पूरे देश में अलग-अलग खदानों के वर्कर्स को एक दूसरी खदानों में वहां की प्रक्टिस को देखने के लिए शिविर आयोजित करते हैं और परिवार के सदस्यो को बुलाते हैं और उनको भी सुरक्षा के बारे में अवगत कराते हैं ताकि सभी लोग सरुक्षित महसूस कर सकें तभी देश का विकास संभव हो सकता है।
इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि 51वीं अखिल भारतीय खान बचाव प्रतियोगिता सभी के लिए नए बचाव कौशल सीखने और विकसित करने और व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर था। सभी टीमों और उनके सदस्यों के बीच निस्वार्थ रूप से दूसरों की मदद एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग वास्तव में प्रतित होना प्रसन्नत का विषय है। इस प्रकार के आयोजन उद्योग के लिए एक साथ आने, चुस्त रहने और एक दूसरे की सीख को बेंचमार्क करने के लिए अनिवार्य हैं। हिन्दुस्तान जिंक को उद्योग से सबसे अधिक भागीदारी के साथ सबसे बड़ी भूमिगत खदान बचाव प्रतियोगिता की मेजबानी करने पर गर्व है।
इस प्रतियोगिता में में देश की 18 विभिन्न कंपनियों की 26 टीम जिनमें प्रतिष्ठित कोयला कंपनियों मेसर्स बहर्ट कोकिंग कोल लिमिटेड, मेसर्स सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स साउथईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेटल कंपनियों से, मेसर्स हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, मेसर्स मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड, मेसर्स हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, मेसर्स यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने प्रतिभागिता की।
पहली बार, अखिल भारतीय खनन बचाव प्रतियोगिता में वायरलेस संचार, भूमिगत बचावकर्मियों की वास्तविक समय स्थिति, सीसीटीवी के माध्यम से सभी बचाव कार्यों की रिकॉर्डिंग, एफएबी भूमिगत निर्माण, ब्रीफिंग ऑफिसर, रेस्क्यू रिले रेस प्रतियोगिताओं में माइंस के 200 से भी अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया जिसमें प्रत्येक टीम को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान एवं 9 शिल्ड एवं कप, रेस्क्यू सर्विसेज में 25 वर्ष पूर्ण करने वाले कर्मचारियों, बेस्ट मेंबर, बेस्ट कैप्टन, माइन रेस्क्यू के प्रशिक्षण के लिये देश की पहली रेस्क्यू टेंªड महिला इंजीनियर प्रशिक्षु को सम्मानित किया गया। अतिथियों ने एआईएमआरसी का फ्लेग अगले वर्ष इसे आयोजित करने वाली टीम को प्रदान किया।
कार्यक्रम मे प्रतियोगिता आधारित विडियों क्लीप, डीएवी स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा सुरक्षा नुक्कड़नाटक, नृत्य, देशभक्ति गीतों पर प्रस्तुती दी गयी। कार्यक्रम में सोवेनियर का अनावरण अतिथियों द्वारा किया गया । कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि द्वारा माइनिंग संबंधी आधुनीक तकनीक एवं उपकरणों से संबंधित 22 स्टाल का उद्घाटन किया गया। समारोह में खान निदेशालय के अधिकारी, हिन्दुस्तान जिं़क के सभी इकाई प्रमुख उपस्थित थे। अतिथियों का आईबीयू सीईओ विनोद जांगिड ने धन्यवाद ज्ञापित किया।