देवकीनंदन प्रभु भक्ति आश्रय वैष्णव भक्ति प्रचार परिव्राजक महाराज ने शिला रख, मंदिर मॉडल का रिमोट दबाकर उद्घाटन किया
राजस्थान के हर जिले में बनेगा इस्काॅन मंदिर
उदयपुर। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावना मृत संघ इस्कॉन के द्वारा मोहनपुरा ग्राम चीरवा में श्री श्री राधा गोवर्धन धारी मंदिर उपवन का रविवार को प्रातः विधि विधान से शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर मुंबई के नीलांबर प्रभु एवं भीलवाड़ा के पंकज लोचन प्रभु के नेतृत्व में तथा वृंदावन के भक्ति आश्रय वैष्णव स्वामी जोनल सुपरवाइजर भक्ति प्रचार परिव्राजक स्वामी रीजनल सेक्रेटरी मुंबई से मौजूद थे।
इस्कॉन जूरी सदस्य जोनल सेक्रेटरी देवकीनंदन प्रभु के सानिध्य में मदन गोविंद प्रभु, वृहद प्रभु, अजय गौरांग प्रभु, मायापुर धाम प्रभु, रवि बर्मन प्रभु सहित 1 दर्जन से अधिक सपत्नीक जोड़ों ने महायज्ञ में आहुतियां दी। मुंबई के पंडित नीलांजन प्रभु ने प्रजापति अग्नि देवता चारों वेदों के प्रथम श्लोक वास्तु मंत्रों भगवान नारायण विष्णु नर्सिंग का आह्वान कर आहुतियां दिलवाई। अंत में मंगलाचरण कर पूर्णाहुति की इसके पश्चात शुभ घड़ी मुहूर्त में देवकीनंदन प्रभु भक्ति आश्रय वैष्णव महाराज भक्ति प्रचार परिव्राजक महाराज ने मंदिर नीवं में सर्वप्रथम शीला रखी।
मंदिर डाइरेक्टर मदन गोविंद ने बताया कि उसके बाद उपस्थित अनेक गणमान्य महानुभावों ने एक-एक कर नींव में शिला रखी। वृंदावन के भक्ति प्रचारक परिव्राजक महाराज ने बताया कि राधा गिरधारी मंदिर के स्थान पर सर्वसम्मति से श्री श्री राधा गोवर्धन धारी मंदिर उपवन नाम परिवर्तन किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए भक्ति आश्रय महाराज ने कहा कि मंदिर इस्कॉन का नहीं है सबका है, इस्कॉन सबके लिए है जो 3 साल में बनकर तैयार होगा। सुनकर भक्तों ने हरि बोल हरि बोल से जोर-जोर से जय कारे लगा कर चिरवा की वादियो को गुंजायमान कर दिया।
मंदिर प्रबंधक मायापुरवासी ने बताया कि मुंबई के देवकीनंदन प्रभु ने आशीर्वचन ने कहा कि लोगों में सुख नहीं शांति की स्थापना कराना है। संसार दुख का घर है ,किंतु परिवर्तनशील है। माया कभी सुखी नहीं होने देती, प्रकाश में अंधकार नहीं लाया जा सकता लेकिन अंधकार में प्रकाश लाया जा सकता है। जो भगवान की शरण में आते हैं मोह माया से दूर होते हैं। माया के दास सदा उदास कृष्ण के दास सदा बिंदास को चरितार्थ करके बताया, जो शांति को प्राप्त करता वह कृष्ण को प्राप्त करता है।
उन्हेांने कहा कि इस्कॉन मंदिर नहीं एंबेसी है जहां बैकुंठ धाम गोलोक वृंदावन का वीजा मिलता है। भगवान के यहाँ जाने का प्रभुपाद ने इस्कॉन के मंदिर ही नहीं हॉस्पिटल भी बनवाए हैं जो लीक से कुछ हटकर है। जहां जन्म मृत्यु जरा व्याधि से मुक्ति और शारीरिक मानसिक शांति भी मिलती है। राजस्थान में जितने जिले हैं सभी में इस्कॉन मंदिर बनेंगे। मंदिर बनने के बाद यह पहाड़ी आकर्षण का केंद्र होगी। भगवान गोवर्धन धारी यहां आने के बाद सभी उदयपुर वासियों को रक्षा करेंगे। भगवान की सेवा में जो लगाएंगे कई गुना होकर मिलेगा।
मनीषा नाति के नेतृत्व मे इस्काॅन भक्तों की 11 बालिकाओ ने शास्त्रीय नृत्यो से समा बाधं भाव विभोर कर दिया। मचं पर उपस्थित प्रमुख अतिथि डाॅ अजय मुर्डिया, गोविन्द अग्रवाल, श्याम रावत, रमेश सिंघवी, उप चेयरमैन सुतीन्द्र महाजन, धर्मनायायण जोशी, चेयरमैन रवि बर्मन आर्किटेक्ट सुनिल लढ्ढा आदि गणमान्य नागरिकों ने भी हर संभव भरसक सहयोग के साथ मन्दिर तीन वर्ष से पूर्व ही बनाने का आशीर्वाद दिया। जिन्हं महाराज जी के कर कमलो से स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। मंच का संचालन प्रोजेक्ट डाइरेक्टर मदन गोविंद प्रभु ने किया।