हैंड्स ऑन प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और साइबर सिक्योरिटी सहित विभिन्न डिजिटल कार्यक्रम पेसिफिक के प्रत्येक विद्यार्थी को प्रदान किये जायेंगे।
नासकॉम की सीईओ कीर्ति सेठ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस तथा क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे विविध तकनीकी तथा बहु उपयोगी पहलुओ पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह सभी संकायो में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी रहेगा। भारत डिजिटल डेमोक्रेसी बन रहा है। अब देश में यूपीआई, आरोग्य सेतु, डिजी यात्रा, उमंग जैसे मोबाइल एप्लीकेशन का प्रयोग राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से किया जा रहा है। इसे देखते हुए विद्यार्थियों को भी आगामी तकनीक आधारित रोजगार मिले इसके लिए विशेष प्रयास पेसिफिक विश्वविद्यालय में नासकॉम के माध्याम से किए जायेंगे। इसके लिए नासकॉम के पार्टनर मोकटिक कंसलटेंसी सर्विसेज के साथ पेसिफिक विश्वविद्यालय ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। सेठ ने बताया कि पेसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा जो प्रयास किया जा रहा है, वो उदयपुर के साथ देश में एक मॉडल व स्टोरी बनेगा जो कि दूसरे विश्वविद्यालयों को प्रेरणा देगा। उद्योगपति श्रीधर वैम्बू का उदाहरण देते हुए उन्होने बताया कि छोटे शहरों में रहकर भी कोई भी बड़ा उद्योग स्थापित कर सकता हैं। श्रीधर वैम्बु की कंपनी जोहो कोरपोरेशन जो के फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार 55वीं धनाढ्य कंपनी है और जिसका मुल्य 3.75 खरब रूपये है और जो कि तामिलनाडु के एक छोटे से गांव तेंकासी में कार्यरत है। अब समय आ गया है, जहां पर आपको बड़े शहरों में पलायन नहीं कर अपना व्यवसाय गांव व ढ़ाणी से भी कर सकते है।
विद्यार्थियों को डिजिटल 101 कार्यक्रम के तहत सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न पहलुओं की आधारभूत जानकारी तथा सर्टिफिकेशन कार्यक्रम पेसिफिक के साथ मिलकर आयोजित किया गया है जिसमें की 1100 विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं। इन सभी विद्यार्थियों को अगले चरण में 36 घंटे का उच्च स्तरीय प्रोग्राम करवाया जाएगा जिसकी जानकारी देते हुए मोकटिक कंसलटेंसी के डायरेक्टर श्रीकांत निवार्थी ने बताया कि नासकॉम के ही प्रशिक्षणकर्ताओं द्वारा पेसिफिक विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बिना किसी शुल्क के प्रशिक्षण देकर इंटर्नशिप भी उपलब्ध करवाई जायेंगी।
पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रोफेसर के.के. दवे ने बताया कि पूर्ण डिजिटल साक्षरता प्रत्येक विद्यार्थी को मिले यह प्रयास करने वाला पेसिफिक देश का प्रथम विश्वविद्यालय होगा। विभिन्न स्नातक तथा स्नातकोत्तर कार्यक्रमों यथा बीसीए, बीटेक, बीएससी, होटल मैनेजमेंट, बीबीए, बीकॉम, बीएससी, बीए, एलएलबी, बी.फार्मा, बीएससी फायर एंड सेफ्टी, बीएससी एग्रीकल्चर, एमबीए जैसे समस्त कोर्सेज में सभी विद्यार्थियों को डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने के लिए उन्नत प्रशिक्षण पेसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा दिया जाएगा। उन्होने बताया कि सारे विद्यार्थियों को यह कोर्स करना आवश्यक होगा व सौ प्रतिशत डिजिटल साक्षरता को इसी वर्ष पूरा किया जायेगा।
डीन पीजी स्टडीज प्रो. हेमन्त कोठारी के अनुसार इससे विद्यार्थियों की कल्पनाशीलता, ग्राफिक व डेटा संबंधी समझ बढ़ेगी व उनकी उत्पादकता में भी आशातीत वृद्धि होगी। नई शिक्षा नीति के तहत भारत को डिजिटल टैलेंट राष्ट्र बनाने की परिकल्पना की गई है उसी के तहत पेसिफिक के विद्यार्थियों को 2 क्रेडिट स्कोर के डिजिटल कार्यक्रम करवाये जायंेगे।
विद्यार्थियों को सूचना प्रौद्योगिकी तकनीकी के प्रयोग सहज और व्यापक परिदृश्य में किस प्रकार उपयोग में लाए जा सकते हैं यह प्रयोगात्मक रूप में समझाया जाएगा इसे लेकर विद्यार्थियों में भी भारी उत्साह देखा गया।
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रो. महिमा बिरला, डीन, प्रबंधक संकाय ने बताया कि आर्टिफिशियल इन्टेलिजियंस एवं मशीन लर्निग का प्रबंधन में इसका व्यापक उपयोग हो रहा हैं, बिग डेटा से कम्पनी में डाटा विज्युलाइज के द्वारा निर्णय करने में आसानी होती हैं। संचालन डॉ. निलिमा बजाज द्वारा किया।