गुड्स एंड सर्विस टैक्स एक बहुत ही जरूरी पहलू है जिसकी समझ विस्तृत समझ कॉमर्स और मैनेजमेंट के विद्यार्थियों को होनी चाहिए इसी उद्देश्य से पेसिफिक विश्वविद्यालय ने एम.एस.एम.ई विभाग तथा इंस्टीट्यूट आफ कंपनी सेक्रेट्रीज आफ इंडिया, उदयपुर चैप्टर के साथ मिलकर विद्यार्थियों के लिए पांच दिवसीय जीएसटी प्रैक्टिशनर कार्यशाला प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसके अंतर्गत सीएस शैलेश जैन सीए रोहिणी अवचर और सीएस पुष्कर लाल जाट ने विविध पहलुओं पर विद्यार्थियों को जानकारी दी।
एमएसएमई की ओर से डिप्टी डायरेक्टर प्रवीण जोशी ने कहा कि पेसिफिक समूह के साथ हुए उनके एमओयू के तहत टैक्स संबंधी पहलुओं पर भविष्य में भी इसी प्रकार के और भी आयोजन करवाए जाएंगे और विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए प्रयास जारी रहेंगे। असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ. योगेश श्रीवास्तव ने बताया कि कार्य प्रशिक्षण पूर्ण करने पर सभी कैंडिडेट्स को एमएसएमई विभाग की ओर से जीएसटी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
कार्यशाला के पहले दिन उद्घाटन सत्र में पेसिफिक यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट प्रोफ़ेसर के.के दवे ने विद्यार्थियों को टैक्स लॉ और प्रैक्टिस के फील्ड में बढती रोजगार संभावनाओं के बारे में बताया। सीएस शैलेश जैन ने अभ्यर्थियों को जीएसटी रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया तथा उससे संबंधित टाइमलाइन की जानकारी दी। विभिन्न जीएसटी इन्वॉयस तथा जीएसटी का भुगतान, ब्याज व पेनल्टी से संबंधित प्रावधान भी समझाएं। सीएस पुष्कर जाट ने जीएसटी रिफंड प्रक्रिया तथा कंप्लायंस रिपोर्ट से संबंधित जानकारी दी। सीए रोहिणी अवचर ने जीएसटीएन पोर्टल तथा उसके विभिन्न फीचर्स व प्रयोग में लेने की विधि विस्तार पूर्वक समझाई साथ ही वर्क कॉन्ट्रैक्ट, जॉब वर्क और विभिन्न स्पेशल केसेस से संबंधित प्रावधान भी बताएं। प्रिंसिपल डॉ. अनुराग मेहता के अनुसार जीएसटी प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों की रोजगारपरकता बढ़ाने और उनके कौशल वृद्धि में सहायक रहा इसका अकादमिक एवं पेशेवर लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा।