पेसिफिक विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ एज्युकेशन कॉलेज में विश्वविद्यालय के संरक्षक प्रो. बीपी शर्मा ने कहा कि इस वर्ष भारतीय संस्कृति के गौरव ग्रंथ रामचरित मानस 450 वें वर्ष में प्रवेश हो रहा हैं।
प्रो. शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों के लिये प्राचीन भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के गौरव का अध्ययन आवश्यक हैं, उन्होने कहा कि विदेशों में भी विशेष रूप से इंडोनेशिया से पूर्वी ईरान तक रामकथा की महिमा का श्रद्धा से गुणगान किया जाता हैं, हमारी सभ्यता एवं संस्कृति बहुत ही प्राचीन हैं इसके अथाह अवशेष प्राप्त हो चुके हैं।
विशिष्ट अतिथि पेसिफिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केके दवे ने कहा कि भावी पीढ़ी के लिए ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए जिससे वे भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति से अवगत हो सकें। इस अवसर पर प्रो. सरला शर्मा, प्राचार्य कला महाविद्यालय डॉ हेमन्त पड्ंया, प्राचार्य फिजिकल एज्युकेशन, डॉ कपिलेश तिवारी, प्राचार्य बी.एड महाविद्यालय एवं संकाय के सभी सदस्य उपस्थित थे। संचालन डॉ. एम. एल. चौबीसा ने किया।