गोवत्स संत राधाकृष्ण शहर के विभिन्न इलाकों में प्रतिदिन करेंगे प्रभात फेरी
उदयपुर। के. जी. गट्टानी फाउण्डेशन द्वारा गोवत्स पं. राधाकृष्ण महाराज के सानिध्य में श्रीमदभागवत कथा का आयोजन सुभाषनगर स्थित ओरियंटल पैलेस रिसोर्ट में 1 से 7 मई तक किया जायेगा। पहले 4 दिन कथा शाम 5 से रात्रि 9 बजे तक तथा अंतिम तीन दिन सुबह 9 से एक बजे तक होगी। पहले दिन एक मई को कल दोपहर ढ़ाई बजे कथा वाचक 29 वर्षीय गोवत्स राधाकृष्ण महाराज हवाई अड्डे पहुचेंगे जहां उनका गट्टानी परिवार द्वारा भव्य स्वागत किया जायेगा।
फाउण्डेशन के संस्थापक के.जी.गट्टानी ने आज ओरियंटल पैलेस रिसोर्ट में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि 1 मई को ही राधाकृष्ण महाराज के स्वागत में शाम 4 बजे सुभाषनगर स्थित पाठेश्वर मंदिर से कलश यात्रा निकाली जायेगी जो सुभाषनगर के अन्दरूनी इलाकों मे होती हुई ओरियंटल पैलेस पहुचेंगी। इस कलश यात्रा में महिलायें लाल चून्दड़ी व पुरूष सफेद कुर्ता पायजामा पहने हुए होंगे। उन्होनें बताया कि राधाकृष्ण महाराज द्वारा 2 मई से प्रात: साढ़े पांच बजे से बोहरागणेश जी मन्दिर से प्रभात फेरी की शुरूआत होगी। जो प्रतिदिन जगदीश मन्दिर, सुन्दरवास,हिरणमगरी से. 4 सहित अलग-अलग क्षेत्रों में निकलेगी।
गट्टानी ने बताया कि प्रतिदिन कथा के प्रारम्भ विभिन्न प्रकार के अवतारों का झांकियों के जरिये चित्रण होगा। जिसकी शुरूआत 3 मई को नृसिंह अवतार से होगी। 4 को कृष्ण जन्मोत्सव के तहत बधाई के रूप में नन्दोत्सव धूमधाम से मनाया जायेगा। इस दिन महिलायें पीली साड़ी तथा 5 को छप्पन भोग की झांकी के दर्शन के दौरान गुलाबी साड़ी पहने हुए होंगी। 6 को सुदामा चरित्र का मार्मिक चित्रण का आयोजन किया जायेगा। अंतिम दिन श्रीमदभागवत कथा एंव व्यास पीठ पूजन एंव यज्ञ का आयोजन किया जायेगा। कृपया समय पूर्व स्थान ग्रहण करें।
प्रेस वार्ता में कौशल्या एवं श्रद्धा गट्टानी ने बताया कि राधाकृष्ण महाराज के कथा वाचन हेतु पाण्डाल में 60 गुना 20 फीट का बड़ा व्यास पीठ तथा तथा उनके सहयोगियों के लिये 24 गुना 16 का एक छोटा मंच बनाया गया है। मेवाड़ी में श्रीमद्भागवत कथा का वाचन कर सभी को सम्मोहित करने वाले राधाकृष्ण महाराज दत्तशरणानंद महाराज की प्रेरणा से विभिन्न स्थानों पर उक्त कथा का आयोजन करते है। संाचोर जिले में श्री गोधाम महातीर्थ आनन्दवन पथमेड़ा द्वारा संचालित की जा रही गौशाला के सहायतार्थ इस कथा का आयोजन ही इसका मूल उद्देश्य है। इस गौशाला में करीब डेढ लाख गायों का पालन किया जा रहा है जिन पर प्रतिदिन लगभग 30 लाख रूपये व्यय हो रहे है।