उदयपुर। गोवत्स राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि यह परम सत्य है कि मृत्यु को आना है। इसके आने के भय से मनुष्य जीना नहीं छोडऩा चाहिये। उस घड़ी को याद कर अपने जीवन को आनन्दमय बनाये कि मृत्यु उपरान्त प्रभु से मिलन होगा। यदि यह सोच कर अपने जीवन को जीयेंगे तो मुनष्य को जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
वे आज के.जी.गट्टानी फाउण्डेशन द्वारा आरियंटल पैलेस स्थित कृष्णधाम में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठें दिन रूकमणी विवाह कथा प्रसंग पर कथा वाचन कर रहे थे। उन्होनें कहा कि मृत्यु का भय हर पल मनुष्य को मारता है। जीवन की यात्रा में कुछ मिले या न मिले लेकिन उस परमानन्द के पास पहुंचने पर जो सुख मिलेगा उसके सामने राह की परेशानियंा कोई मायने नहीं रखती। मृत्यु के भय से चिन्तित न हो। जिन्दगी से लेकर मृत्यु तक के बीच की राह की परेशानियों से चिन्तित नहीं होना चाहिये।
प्रेम से कम होगा भ्रष्टाचार-उन्होनें कहा कि ठाकुर जी की लीला बहुत ही न्यारी होती है। विभिषण, सुदामा, श्रीदामा ,आचार्य वल्ल्भ महाप्रभु, सुग्रीव,हनुमान को जिस प्रकार गले लगाया ठीक उसी प्रकार यदि मनुष्य उनकी एक-एक लीला का स्मरण कर उन्हें किसी न किसी रूप में याद करें तो भगवान के प्रति प्रेम बढ़ेगा। उन्होनें कहा कि भगवान से प्रेम करने से भ्रष्टाचार कम होगा क्योंकि भगवान में लीन होने पर मनुष्य की मांगे कम होगी और मांगे कम होगी आवश्यकताओं में कमी आयेगी और आवश्यकताओं में कमी आयेगी तो भ्रष्टाचार भी कम होगा।
राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि गौ माता के सद्भाव व उसकी सरलता से जैन संस्कारों की उत्पत्ति हुई। जिस प्रकार गौ माता एक स्थान पर कुछ खाकर पुन: अगले स्थान के लिये निकल पड़ती है ताकि उसके पीछे आने वाली अन्य गौ माता को भी उस स्थान पर ुछ खाने को मिल जाय। ठीक उसी प्रकार जैन भिक्षु भी गौचरी के रूप में भिक्षा लेकर पुन: अगले पड़ाव की ओर निकल पड़ते ताकि पीछे आने वाले अन्य साधु को भी वहंा से गौचरी के रूप में कुछ मिले।
बच्चों की ली संस्कारों की पाठशाला- राधाकृष्ण महाराज ने आज ओरियंटल पैलेस में ही बच्चों के लिये प्रात: 11 से 1 बजे तक संस्कार शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें अनेक बच्चों ने भाग लिया और बच्चों ने शिविर में प्राप्त किये संस्कारों को अपने जीवन में उतारने का महाराज को वचन दिया।
फाउण्डेशन की श्रद्धा गट्टानी ने बताया कि कल अंतिम दिन कथा प्रात: 9 से 1 बजे तक होगी। अंतिम दिन व्यासपीठ पूजन एंव यज्ञ का आयोजन होगा। कल प्रात: साढ़े पंाच बजे सुभाषनगर स्थित पाठेश्वर मंदिर से प्रभात फेरी निकाली जायेगी। उन्होनें बताया कि आज छठें दिन कथा में अतिथि के रूप में नगर परिषद सभापति रजनी डांगी,बांसवाड़ा के महन्त रामस्वरूप, डूंगरपुर के महन्त राधाकृष्ण, कविता के सुधर्मसागर महाराज,धीरेन्द्र मदाना, बी.एस. गहलोत, मदन मालवीय,यशवन्त पालीवाल उपस्थित थे।